Chhath Puja 2025: पटना के इन 5 घाटों पर श्रद्धालुओं का प्रवेश रहेगा वर्जित, छठ महापर्व को लेकर तैयारी तेज, डीएम ने घाटों का लिया जाएजा

Chhath Puja 2025 : छठ पूजा को लेकर तैयारियां तेज है। इसी बीच सुबह सुबह पटना के घाटों का जायजा लेने डीएम पहुंचे। 108 घाटों को छठ पूजा के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें से 98 घाटों को सुरक्षित पाया गया है, जबकि पांच घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है..

छठ को लेकर तैयारी तेज - फोटो : reporter

Chhath Puja 2025: लोक आस्था के महापर्व छठ की शुरुआत आगामी 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगी। इसको लेकर पटना जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस. एम. ने गुरुवार को संबंधित अधिकारियों के साथ विभिन्न घाटों का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया।

108 घाटों पर होगी पूजा, 5 घाटो पर प्रवेश वर्जित

जिलाधिकारी ने बताया कि पटना जिले में लगभग 500 घाट बनाए गए हैं। इनमें पटना नगर निगम क्षेत्र के तहत 108 घाटों को छठ पूजा के लिए चिन्हित किया गया है। इनमें से 98 घाटों को सुरक्षित पाया गया है, जबकि पांच घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। इन असुरक्षित घाटों पर श्रद्धालुओं का प्रवेश पूरी तरह वर्जित रहेगा।

केवल पैदल मार्ग का उपयोग 

डीएम ने बताया कि घाटों पर आने वाले श्रद्धालुओं को केवल पैदल मार्ग का उपयोग करने की अनुमति होगी। वाहनों की पार्किंग के लिए अलग-अलग घाटों के पास विशेष व्यवस्था की गई है ताकि भीड़ और जाम की स्थिति से बचा जा सके। छठ पर्व के दौरान सुरक्षा और आपदा प्रबंधन के लिए यातायात पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और मेडिकल टीमों की तैनाती की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य है कि श्रद्धालु छठ पूजा के दौरान सुरक्षित, स्वच्छ और शांतिपूर्ण वातावरण में व्रत का पालन कर सकें।

कब है छठ महापर्व 

गौरतलब हो कि छठ महापर्व की शुरुआत 25 अक्टूबर को नहाय-खाय से होगी। इस दिन सात्विक भोजन का विधान होता है, जिससे महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से व्रत और पूजा के लिए तैयार होती हैं। महापर्व के दूसरे दिन 26 अक्टूबर को खरना होगा जिसमें शाम को रोटी और गुड़ की खीर बनाई जाती है और इसका भोग लगाने के बाद महिलाएं खीर-रोटी प्रसाद के रूप में ग्रहण करती हैंष इसी दिन से 36 घंटे तक चलने वाला कठिन व्रत आरंभ होता है। इसके बाद तीसरे दिन, 27 अक्टूबर को, छठ पूजा में महिलाएं पूरे परिवार के साथ घाट पर जाकर पानी में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देती हैं और विधिपूर्वक छठ मईया की पूजा करती हैं। व्रत का समापन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ होता है, जो इस वर्ष 28 अक्टूबर को है, जब महिलाएं फिर से पूरे परिवार के साथ घाट पर जाकर उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि तथा संतान की लंबी उम्र की कामना करती हैं।

पटना से अनिल की रिपोर्ट