BPSC TEACHER EXAM - हाईकोर्ट ने BPSC को दिया झटका, टीचर भर्ती परीक्षा में दूसरे कैंडिडेट की जगह बैठने पर लगे आजीवन प्रतिबंध को किया रद्द
BPSC TEACHER EXAM - पटना हाईकोर्ट ने बीपीएससी को बड़ा झटका देते उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें किसी दूसरे कैंडिडेट की जगह परीक्षा देने पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का आदेश था

PATNA - पटना हाईकोर्ट ने 8 दिसम्बर, 2023 को आयोजित शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा के दौरान शिक्षक अपने जगह दूसरे को परीक्षा में बैठाने के मामले में आवेदक को बड़ी राहत दी है।कोर्ट ने किसी भी परीक्षा में बैठने से स्थायी रूप से रोक लगाने के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही वेबसाइट से तुरंत इस आशय का नोटिस हटाने और देश भर के सभी आयोग को नोटिस रद्द होने की सूचना देने का आदेश दिया। जस्टिस सत्यव्रत वर्मा ने प्रभाष कुमार की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया।
आवेदक के अधिवक्ता अविनाश शेखर ने कोर्ट को बताया कि बीपीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने सूचना दिनांक 29.12.2023 एवं ज्ञापन संख्या 5154 दिनांक 14 मार्च 2024 को वेबसाइट पर सूचना जारी कर आवेदक सहित कई उमीदवारों को शिक्षक प्रतियोगी परीक्षा के दौरान अपने जगह दूसरे उम्मीदवार के शामिल होने के कथित आरोप के आधार पर किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दिया।
उनका कहना था कि बीपीएससी ने 69706 शिक्षकों और कल्याण विभाग के तहत पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के तहत 916 शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन संख्या 27/2023 दिनांक 4 नवम्बर 2023 को जारी किया। आवेदक गणित शिक्षक के चयन प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवेदन दिया। आवेदक 8 दिसम्बर, 2023 को आयोजित परीक्षा में भाग लेने के लिए केंद्र पर पहुंचा, जहां उसका बायोमेट्रिक और फोटो लिया गया। इस परीक्षा का परिणाम 27 नवम्बर, 2023 को प्रकाशित किया गया।आवेदक को 40 अंक प्राप्त हुये। आवेदक को गणित शिक्षक के पद के लिए चयन नहीं किया गया।
उनका कहना था कि 29 दिसम्बर 2023 को सोशल मीडिया वेबसाइट से पता चला कि 49 उम्मीदवारों को परीक्षा में दूसरे के जगह परीक्षा देने में लिप्त होने के आधार पर रोक दिया गया है। साथ ही किसी भी परीक्षा में शामिल होने से स्थायी रूप से रोक दिया गया। इसके बाद आवेदक ने एक विस्तृत अभ्यावेदन आयोग को दी।उन्होंने कोर्ट को बताया कि बीपीएससी ने परीक्षा केंद्र पर किसी भी छात्र को आवेदक के स्थान पर परीक्षा में बैठे नही पकड़ा।परीक्षा में वह उत्तीर्ण नहीं हुआ, उसे केवल 40 अंक प्राप्त हुआ था।
ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक ने परीक्षा से कोई लाभ प्राप्त किया हैं। बीपीएससी ने अपने जवाबी हलफनामा में जनकारी दी की कि कोई अभ्यर्थी किसी प्रकार के कदाचार में संलिप्त पाया जाता है ,तो उसके विरुद्ध बिहार परीक्षा संचालन कानून के तहत कार्रवाई होने और अभ्यर्थी को बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में बैठने से भी वंचित किया जा सकता है।
लेकिन आवेदक के खिलाफ ऐसा कोई कार्रवाई नहीं की गईं। कोर्ट ने आवेदक की ओर से दी गई तथ्यों को स्वीकार करते हुए आयोग की ओर से जारी आदेश को निरस्त कर दिया।