फ्लाई ऐश पर फंसी थी वेदांता, ओडिशा हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

देश की अग्रणी प्राकृतिक संसाधन कंपनियों में शुमार वेदांता लिमिटेड को ओडिशा हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB) द्वारा लगाए गए ₹71.16 करोड़ के पर्यावरणीय मुआवजे पर कोर्ट ने अस्थायी रोक लगा दी है। यह निर्णय कंपनी के लिए न सिर्फ कानूनी जीत है, बल्कि कारोबारी दृष्टिकोण से भी एक बड़ा संबल माना जा रहा है।
17 दिसंबर 2024 और 10 अप्रैल 2025 को ओडिशा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वेदांता को दो पत्र भेजे, जिनमें फ्लाई ऐश निपटान में कथित अनियमितताओं का हवाला देते हुए ₹71.16 करोड़ का पर्यावरणीय मुआवजा देने का आदेश दिया गया था। SPCB का आरोप था कि कंपनी ने पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन करते हुए फ्लाई ऐश के निस्तारण में लापरवाही बरती है, जिससे पर्यावरणीय नुकसान हुआ।
हालांकि, वेदांता ने इन आदेशों को हाईकोर्ट में चुनौती दी और 17 अप्रैल 2025 को कोर्ट ने SPCB के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि मामले की विस्तृत सुनवाई तक कंपनी से वसूली नहीं की जा सकती। इस फैसले से कंपनी को तत्कालिक राहत मिली है और उसे अपने संचालन को निर्बाध रूप से जारी रखने का अवसर मिला है।
इस न्यायिक फैसले का असर शेयर बाजार में भी दिखाई दिया। गुरुवार को वेदांता का शेयर 0.28% की बढ़त के साथ ₹399.80 पर बंद हुआ। हालांकि तेजी सीमित रही, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इस निर्णय से निवेशकों का भरोसा मजबूत होगा और कंपनी पर मंडरा रहे पर्यावरणीय संकट के बादल थोड़े छंट सकते हैं।