Patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने बिहार निर्वाचन आयोग को दिया बड़ा झटका, निर्वाचित जन प्रतिनिधि को पद से हटाने के आदेश को किया रद्द
Patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने बिहार निर्वाचन आयोग को बड़ा आयोग को झटका उनके आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट में मुख्य पार्षद के पद से हटाने को लेकर याचिका को लेकर सुनवाई की थी।
Patna - पटना हाईकोर्ट ने खिज़्रसराय नगर पंचायत की मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी को बड़ी राहत देते हुए उन्हें राज्य चुनाव आयोग द्वारा पद से हटाने सम्बन्धी आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस राजेश कुमार वर्मा ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें रिंकू कुमारी को शोभा देवी की ओर से दायर की गई याचिका के आधार पर दो से अधिक जीवित संतान होने के कारण पद से हटा दिया गया था ।
पटना हाईकोर्ट के समक्ष राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा था, जिसे आज सुनाया गया। कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग के 2024 के उस आदेश को निरस्त करते हुए रिंकू कुमारी को उनके मुख्य पार्षद के पद पर बने रहने क रास्ता साफ कर दिया।
इस फैसले के आने से 28 जून, 2025 को खिजरसराय में मुख्य पार्षद के पद पर होने वाला चुनाव भी रद्द हो जाएगा । रिंकू कुमारी खिज़्रसराय नगर पंचायत के चुनाव में 2022 में विजयी घोषित हुई।उन्हें मुख्य पार्षद चुना गया था । इसके बाद शोभा देवी ने उनके निर्वाचन को राज्य चुनाव आयोग में याचिका दायर कर उनके निर्वाचन को चुनौती दी। उन्होंने रिंकू कुमारी के निर्वाचन को इस आधार पर चुनौती दी कि उनके दो से अधिक संतानें है। ये नियत समय के बाद हुआ है।
इस पर राज्य चुनाव आयोग ने रिंकू कुमारी को उनके पद से हटा कर निर्वाचन कराने की तिथि की घोषणा कर दी।इस राज्य चुनाव आयोग के आदेश को पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर रिंकू कुमारी ने चुनौती दिया । इस याचिका में कहा गया कि राज्य चुनाव आयोग को इस मामलें में इस तरह की सुनवाई कर आदेश पारित करने का कोई क्षेत्राधिकार नहीं है। निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मामलें में राज्य चुनाव आयोग इस तरह की जांच नहीं कर सकता है ।
खिज़्रसराय नगर पंचायत के मुख्य पार्षद के चुनाव के लिए 28जून, 2025 की तारीख़ तय की गयी थी।वर्तमान आदेश के आलोक में मुख्य पार्षद रिंकू कुमारी के पुनः पद प्राप्त होने के बाद इस चुनाव की कोई आवश्यकता नहीं है। इस मामलें में वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव व अधिवक्ता मयूरी ने अधिवक्ता के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया,जबकि निजी प्रतिवादी की ओर से वरीय अधिवक्ता डी के सिन्हा ने तथ्यों को प्रस्तुत किया।