Employee Quits Job: हे राम! न जाने क्या हुआ ऐसा की ज्वॉनिंग के पहले दिन ही छोड़ दी जॉब, वजह जान आप भी हो जाएंगे हैरान
Employee Quits Job: एक एम्प्लाई ने नौकरी के पहले ही दिन इस्तीफा दे दिया। कंपनी की HR से हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जानिए क्यों उसने ऐसा किया।

Employee Quits Job: हर व्यक्ति जब नौकरी ढूंढता है, तो उसमें एक उम्मीद होती है – नई शुरुआत की, आत्मनिर्भरता की और प्रोफेशनल ग्रोथ की। लेकिन यह उम्मीद कई बार पहले ही दिन बिखर जाती है। कुछ लोग इस परिस्थिति को झेलते हैं, कुछ इसे छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं। और इसी तरह का एक असाधारण मामला आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।एक शख्स ने पहले दिन ही नौकरी छोड़ दी, और इस बारे में उसकी कंपनी की HR से हुई बातचीत का स्क्रीनशॉट अब इंटरनेट पर सनसनी मचा रहा है।
नौकरी का पहला दिन – उत्साह या असहमति?
जॉइनिंग का पहला दिन आमतौर पर हर किसी के लिए एक नया अनुभव होता है। ट्रेनिंग, टीम से मिलना, रोल समझना – यह सब इतना नया होता है कि लोग एक-दो दिन तो बस चीजें समझने में ही लगा देते हैं। लेकिन इस वायरल केस में एम्प्लाई ने पहले ही दिन इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया।
बातचीत में HR पूछती है कि कृपया बताइए, ऐसा क्या था जो आपको ठीक नहीं लगा?”एम्प्लाई का जवाब सीधा था काम।कभी-कभी ये एक शब्द ही काफी होता है, और यह दिखाता है कि वर्क कल्चर, प्रोफाइल और असल उम्मीदों के बीच कितना बड़ा फासला हो सकता है।
सोशल मीडिया पर बहस: 'प्रोफेशनलिज्म' बनाम 'मेंटल हेल्थ'
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई है। कुछ लोगों का कहना है कि पहले दिन ही जॉब छोड़ना बेहद अनप्रोफेशनल है।”वहीं दूसरे पक्ष का तर्क है अगर आपको पहले दिन ही लग रहा है कि यह काम आपके लिए सही नहीं है, तो क्यों समय और मानसिक ऊर्जा बर्बाद की जाए?”इसने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है – क्या नौकरी को छोड़ने का सही समय होता है, या सही फीलिंग ही काफी होती है?
क्यों होता है नौकरी से मन हट जाना?
नौकरी से मन हट जाने के पीछे कई वजह हो सकती है, जो इस प्रकार है:
जॉब रोल का सही अंदाजा ना होना
वर्क कल्चर से असहमति
कंपनी की ओर से कही गई बातों और असल अनुभव में अंतर
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
नॉन-मैचिंग स्किल सेट
इन सभी कारणों के चलते लोग जॉब छोड़ने पर मजबूर हो जाते हैं। लेकिन इतना जल्दी रिजाइन करना एक अनोखा मामला है – जिसने वर्कप्लेस रियलिटी पर सवाल उठाए हैं।
वर्क कल्चर में बदलाव की जरूरत
यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या कंपनियों को जॉइनिंग से पहले और अधिक पारदर्शिता रखनी चाहिए?क्या एम्प्लॉइज़ को ट्रेनिंग और एडजस्टमेंट के लिए थोड़ा समय देना चाहिए?क्या हमें नौकरी को एक बंधन की तरह नहीं बल्कि एक mutual fit की तरह देखना चाहिए?