पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार पर जताई सख्त नाराजगी, सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में विलंब पर बड़ा निर्देश, जानिए पूरा मामला
पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार पर सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में विलंब से जुड़े एक मामले में बिहार सरकार पर सख्त नाराजगी जाहिर की है. जानिए कोर्ट से जुड़े इस पूरे मामले में क्या हुआ
Patna High Court: पटना हाईकोर्ट में पाटलिपुत्र रेल स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण व बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के मामले पर शुक्रवार को सुनवाई की गयी। भरत प्रसाद सिंह की जनहित याचिका पर एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई करते राज्य सरकार द्वारा आशियाना दीघा सम्पर्क रोड़ के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई में विलम्ब पर सख्त नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने अगली सुनवाई में राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण के सम्बन्ध में पुरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। इस मामलें पर 18 जुलाई,2025 को सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने इस मामलें पर सुनवाई करते हुए पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन की अव्यवस्था और काम की धीमी रफ्तार को काफी गंभीरता से लिया।
इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि इस रेलवे स्टेशन की दयनीय हालात को स्वयं भी अनुभव किया था।उन्होंने सम्बन्धित विभागों और एजेंसियों से काम की रफ़्तार तेज करने की सख्त हिदायत दी। कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई में हलफ़नामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया था।कोर्ट को बताया गया था कि पूर्व की ओर से दीघा आशियाना रोड़ और दीघा एम्स इलेवटेड रोड़ को पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन से जोड़ने योजना विचाराधीन है। पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार के महाधिवक्ता पीके शाही से अनुरोध किया था कि वे अपने स्तर पर राज्य सरकार को निर्माणाधीन सड़कों शीघ्र पूरा करने के लिए कहे।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया था कि पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण कार्य की प्रगति धीमी है। उन्होंने बताया था कि गोला रोड़ से स्टेशन को जोड़ने वाली सड़क के निर्माण कार्य रुका हुआ है।ये बिजली बोर्ड की आपत्ति के कारण बंद है। साथ ही आशियाना दीघा एलीवेटेड रोड़ के निर्माण की लागत का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया था, लेकिन प्रगति काफी धीमी है।ये भी कोर्ट को बताया गया था कि एम्स जोड़ने की योजना हैं,ताकि यात्री सीधे स्टेशन पहुँच सके। पश्चिम की तरफ से दानापुर और गोला रोड की ओर से आने वाले यात्रियों के लिए नहर की सड़क को चौडा किये जाने की योजना हैं।याचिकाकर्ता की ओर से
कोर्ट को बताया गया था कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया था, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने के कारण यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता मृगांक मौली व अधिवक्ता सत्यम शिवम सुंदरम ने कोर्ट के समक्ष पक्षों को प्रस्तुत किया।इस मामले पर पुनः 18 जुलाई,2025 को सुनवाई की जाएगी।