Patna High Court: बिहार में अपराधियों को छोड़ DSP और सिपाही होंगे गिरफ्तार! पटना हाईकोर्ट ने जारी किया फरमान, 7 दिन के भीतर अरेस्ट करने का आदेश

Patna High Court: सासाराम फायरिंग केस में पटना हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस के डीएसपी और सिपाही को एक सप्ताह में गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

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patna high court- फोटो : social media

Patna High Court: बिहार में कानून व्यवस्था पर एक बार फिर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। सासाराम जिले के टाउन थाना क्षेत्र में हुए एक फायरिंग केस में पटना हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस के एक डीएसपी और उनके बॉडीगार्ड को तत्काल गिरफ्तार करने का सख्त आदेश दिया है।

अदालत ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि एक सप्ताह के भीतर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर इसकी रिपोर्ट कोर्ट को प्रस्तुत की जाए। अदालत ने यह आदेश उस समय दिया जब उसे यह बताया गया कि घटना के चार महीने बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

 मामला 27 दिसंबर 2024 की रात का है, जब टाउन थाना क्षेत्र में कुछ युवक अपने दोस्त शिवम सिंह का जन्मदिन मना रहे थे। उसी दौरान तत्कालीन ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया वहां पहुंचे और युवकों से बहस करने लगे। बहस के दौरान ही दोनों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। 

घटना में चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के तुरंत बाद टाउन थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी आज तक नहीं हो सकी है, जिससे मृतक के परिजनों और आम जनता में गहरा आक्रोश है।

इस मामले में याचिकाकर्ता राहुल रंजन ने पटना हाईकोर्ट में आपराधिक याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान जस्टिस संदीप कुमार की एकलपीठ ने बिहार पुलिस पर तीखी नाराजगी जाहिर करते हुए सवाल किया कि क्या इस देश में कानून सबके लिए समान नहीं है? अदालत ने पूछा कि किस कानून में लिखा है कि अगर हत्या जैसे गंभीर अपराध का आरोपी कोई पुलिस अधिकारी हो तो उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी? अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी अधिकारियों को बचाने के लिए जानबूझकर जांच को सीआईडी को सौंपा गया है ताकि जांच प्रक्रिया लटकती रहे और अभियुक्तों को बचाया जा सके।

पटना हाईकोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि डीएसपी आदिल बिलाल और उनके बॉडीगार्ड चंद्रमौली नागिया को एक सप्ताह के भीतर गिरफ्तार कर कोर्ट को सूचित करें। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 5 मई 2025 तय की है, जहां डीजीपी की प्रगति रिपोर्ट पेश की जाएगी।

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