Patna Traffic: पटना में ट्रैफिक नियम तोड़े तो कट जाएगा चालान, नई आधुनिक ट्रैफिक सिस्टम से बचना है मुश्कील, ट्रैफिक सुधार पर सरकार की हुंकार से हड़कंप

Patna Traffic: बिहार में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव, सड़कों पर फैलती अफ़रातफ़री और बढ़ती दुर्घटनाओं ने राज्य सरकार को आखिरकार कठोर और निर्णायक क़दम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है।

पटना में ट्रैफिक नियम तोड़े तो कट जाएगा चालान- फोटो : social Media

Patna Traffic: बिहार में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव, सड़कों पर फैलती अफ़रातफ़री और बढ़ती दुर्घटनाओं ने राज्य सरकार को आखिरकार कठोर और निर्णायक क़दम उठाने के लिए मजबूर कर दिया है। उपमुख्यमंत्री एवं गृह विभाग मंत्री सम्राट चौधरी ने इसे क़ानून-व्यवस्था और जन सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए सख़्त निर्देश जारी किए हैं। उनका कहना है कि अब बिहार की यातायात व्यवस्था को आधुनिक, पारदर्शी और वैज्ञानिक ढांचे में ढाला जाएगा, चाहे इसके लिए कितने ही बड़े प्रशासनिक कदम क्यों न उठाने पड़ें।

उपमुख्यमंत्री ने दो-टूक कहा कि सड़क सुरक्षा सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस को तकनीक-आधारित और वैज्ञानिक प्रशिक्षण देना अनिवार्य है। इसके लिए राज्य में एक अत्याधुनिक मॉडर्न ट्रैफिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित किया जाएगा जहाँ स्मार्ट सिग्नल ऑपरेशन, ड्रोन मॉनिटरिंग, डिजिटल सर्विलांस, दुर्घटना नियंत्रण और आपात प्रतिक्रिया तंत्र जैसे विषयों पर स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होंने इसे “नई बिहार की नई ट्रैफिक सोच” करार दिया।

उन्होंने माना कि मौजूदा ट्रैफिक बल पर अत्यधिक भार है, और यही अव्यवस्था की जड़ है। इसलिए ट्रैफिक पुलिस बल की संख्या बढ़ाने का फ़ैसला लिया गया है, ताकि मुख्य सड़कों, चौराहों और जाम-प्रभावित इलाकों में पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की जा सके। बार-बार नियम तोड़ने वालों पर अब कड़ी कार्रवाई होगी  लगातार ओवरस्पीड, गलत दिशा में वाहन चलाना, नो-पार्किंग उल्लंघन पर भारी चालान और ज़रूरत पड़ने पर वाहन जब्ती तक की व्यवस्था लागू की जाएगी।

अवैध पार्किंग हटाने के लिए निजी क्रेन लगाने का आदेश दिया गया है, ताकि शहरों की सड़कों को बाधा-मुक्त रखा जा सके। इसी के साथ पटना समेत सभी बड़े शहरी इलाकों में ट्रैफिक कमांड एंड कंट्रोल सेंटर स्थापित किए जाएंगे। इन सेंटरों से रियल-टाइम मॉनिटरिंग, सिग्नल नियंत्रण, जाम प्रबंधन, दुर्घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई जैसी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी।

राज्य के नगर निकाय क्षेत्रों और पंचायतों के प्रवेश व निकास बिंदुओं पर हाई-रिज़ोल्यूशन कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे संदिग्ध वाहनों की पहचान, चोरी की घटनाओं में रोकथाम और रोड सेफ़्टी में पारदर्शिता को नया आयाम मिलेगा। सम्राट चौधरी ने इसे जनहित और प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ा ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा कि बिहार अब ट्रैफिक अव्यवस्था नहीं, बल्कि व्यवस्थित और अनुशासित यातायात संस्कृति की ओर बढ़ रहा है।