Bihar Police:पटना बनेगा ‘क्राइम-क्लीन ज़ोन’! बिहार पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 11 इंस्पेक्टरों की ट्रांसफर पोस्टिंग से माफ़िया-तंत्र में हड़कंप, नए थानेदारों के नाम जान लीजिए
Bihar Police: बिहार की राजधानी पटना में जुर्म का खेल अब नहीं चलेगा! बिहार पुलिस मुख्यालय ने गैंगवार, फिरौती, लूट और हत्या जैसे संगीन जुर्म पर लगाम कसने के लिए 11 तेज-तर्रार पुलिस इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग गई है....
Bihar Police: बिहार की राजधानी पटना में जुर्म का खेल अब नहीं चलेगा! बिहार पुलिस मुख्यालय ने गैंगवार, फिरौती, लूट और हत्या जैसे संगीन जुर्म पर लगाम कसने के लिए ‘ऑपरेशन क्राइम-कंट्रोल’ की शुरुआत करते हुए 11 तेज-तर्रार पुलिस इंस्पेक्टरों की पोस्टिंग राजधानी में की है। इस तबादले के बाद अपराधियों और उनके संरक्षकों के बीच खलबली मची है।
इस ‘क्राइम-क्लीन मुहिम’ के तहत पूर्णिया, मुंगेर, खगड़िया, नालंदा, रोहतास जैसे जिलों से अनुभवी और आक्रामक तेवर वाले अफसरों को चुनकर पटना की ज़मीन पर तैनात किया गया है। आदेश के अनुसार, पुनीत कुमार राय को भागलपुर, प्रमोद कुमार को बांका, राजीव कुमार को बेगूसराय, अमरजीत कुमार को मुजफ्फरपुर, और अरुणेश मिश्रा को नालंदा का कप्तान बनाया गया है।
पटना एसएसपी के विशेष आग्रह पर मुख्यालय ने यह कदम उठाया है। एसएसपी ने एक पत्र भेजकर राजधानी की बिगड़ती विधि-व्यवस्था और बढ़ते संगठित अपराध पर चिंता जताई थी, जिसमें उन्होंने मांगा था – "ऐसे अफसर जो फील्ड में एक्शन में दिखें, न कि सिर्फ फाइलों में"।
पुलिस मुख्यालय ने इस आग्रह को गंभीरता से लेते हुए तुरंत निर्णय लिया और "माफिया-परस्त सिस्टम" को तोड़ने की रणनीति के तहत यह फेरबदल कर दिया गया।राजधानी में बीते महीनों में गैंगवार, सुपारी किलिंग, और पुलिस पर हमलों की घटनाएं पुलिस की साख पर सवाल खड़े कर रही थीं। अब पटना में पोस्टिंग पाए अफसर ‘ऑपरेशन सफ़ाया’ के तहत काम करेंगे – जिसमें गैंग-लॉर्ड्स की कुंडली खोली जाएगी, काली कमाई पर वार किया जाएगा, और अपराध के नेटवर्क को तहस-नहस किया जाएगा।
थानों में मिलेगा मज़बूत नेतृत्व, जो अपराध पर ‘सीधा प्रहार’ करेगा।गैंग और अपराध सिंडिकेट पर टारगेटेड कार्रवाई होगी।पुलिस और खुफिया तंत्र के बीच समन्वय बेहतर होगा।
पुलिस मुख्यालय के एक अधिकारी ने कहा, "ये तबादले कोई साधारण प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि ‘गैंग्स ऑफ पटना’ को नेस्तनाबूद करने की तैयारी है। अब वर्दी सिर्फ वर्दी नहीं, हथियार बनेगी।”
संकेत साफ है कि अब पटना की सड़कें किसी के ‘बाप की जागीर’ नहीं रहने वालीं। कानून का डंडा चलेगा, और गुनाहगार सलाखों के पीछे होंगे। अगले कुछ हफ्ते तय करेंगे कि पटना ‘अपराध का अखाड़ा’ रहेगा या ‘कानून का किला’ बनेगा!
कुलदीप भारद्वाज की रिपोर्ट