यूं ही प्रशांत किशोर ने स्कूल बैग को नहीं चुना है चुनाव चिन्ह, इसके पीछे छिपी है बड़ी रणनीति और बेहद बड़ा सन्देश
Prashant Kishor on Jan Suraj election symbol: जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना चुनाव चिह्न 'स्कूल बैग' चुना है, किशोर ने आरोप लगाया कि लालू और नीतीश के 35 साल के शासन में बच्चों के स्कूल बैग की जगह मजदूरी की बोरी थमा दी गई.
N4N डेस्क: बिहार के कोने-कोने में पदयात्रा करते हुए प्रशांत किशोर ने जनता के बीच अपनी बात रखी और फिर 2 अक्टूबर 2024 को जन सुराज की नींव रखी थी. पार्टी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि वह राज्य की 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जेडीयू, बीजेपी, राजद और कांग्रेस जैसी स्थापित पार्टियों को सीधी चुनौती देगी. बिहार विधानसभा चुनाव में अब केवल चार महीने बचे हैं और प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने अपने चुनाव चिह्न के रूप में 'स्कूल बैग' को चुना है. हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का औपचारिक ऐलान नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होंगे. वर्तमान सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है.
स्कूल बैग को क्यों बनाया चुनाव चिह्न?
प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अपना चुनाव चिह्न 'स्कूल बैग' चुना है, जो उनकी शिक्षा और रोजगार केंद्रित राजनीति का प्रतीक है. यह प्रतीक जन सुराज के मुख्य एजेंडे, बिहार के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और रोजगार, को प्रभावी रूप से दर्शाता है. किशोर ने आरोप लगाया कि लालू और नीतीश के 35 साल के शासन में बच्चों के स्कूल बैग की जगह मजदूरी की बोरी थमा दी गई.
चारों खाने चित्त होगी NDA और INDIA!
दरसल बिहार विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज सत्ता पर काबिज जेडीयू निहित एनडीए गठबंधन और विपक्ष की भूमिका में मौजुद राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन, दोनों को चुनौती देने जा रही है. प्रशांत किशोर खुद को इन दोनों विकल्पों के बजाय एक वैकल्पिक नेतृत्व के रूप में पेश करना चाहते हैं.