Bihar Politics:मैथिली ठाकुर के राजनीतिक कदम की तैयारी,हो सकती हैं भाजपा की उम्मीदवार! लोक और शास्त्रीय संगीत की चमक से राजनीति में कदम

Bihar Politics: बिहार की सियासी हलचल में इस बार एक नया रंग जुड़ सकता है। मिथिलांचल से नेशनल लेवल तक अपनी गायकी की प्रतिभा से पहचानी जाने वाली लोक एवं शास्त्रीय गायिका मैथिली ठाकुर राजनीतिक डेब्यू करने जा रही हैं।

मैथिली ठाकुर के राजनीतिक कदम की तैयारी- फोटो : social Media

Bihar Politics: बिहार की सियासी हलचल में इस बार एक नया रंग जुड़ सकता है। मिथिलांचल से नेशनल लेवल तक अपनी गायकी की प्रतिभा से पहचानी जाने वाली लोक एवं शास्त्रीय गायिका मैथिली ठाकुर राजनीतिक डेब्यू करने जा रही हैं। भाजपा सूत्रों के अनुसार, आगामी विधानसभा चुनाव में उन्हें बिहार की अलीनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी जिले के बेनीपट्टी गांव में हुआ था। उन्होंने मैथिली संगीत के साथ-साथ शास्त्रीय गायन में भी अपनी विशेष पहचान बनाई है। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें बिहार का स्टेट आइकन बनाया, ताकि वे मतदाताओं को जागरूक करने में योगदान दें। इसके अलावा, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें मधुबनी जिले का ब्रांड एंबेसडर और खादी ग्रामोद्योग के प्रचार के लिए भी ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया। सोशल मीडिया पर उनकी फॉलोइंग भी बड़े पैमाने पर है, जो उन्हें युवा मतदाताओं के बीच प्रभावशाली बनाती है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, मैथिली ठाकुर को अलीनगर से मैदान में उतारने का निर्णय भाजपा के लिए रणनीतिक दांव माना जा रहा है। बीते दो चुनावों में भाजपा ने इस सीट पर जीत दर्ज की है, लेकिन मौजूदा विधायक मिश्री लाल यादव को लेकर नाराजगी और पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से पार्टी का भरोसा कमजोर हुआ है। ऐसे में मैथिली की लोकप्रियता और एंटी-इंकम्बेंसी की संभावनाओं को भुनाने के लिए भाजपा यह कदम उठा सकती है।

हाल ही में मैथिली ठाकुर ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और भाजपा नेता विनोद तावड़े से मुलाकात की थी। विनोद तावड़े ने सोशल मीडिया पर उन्हें बिहार की ‘बिटिया’ बताते हुए शुभकामनाएं दीं, जिससे राजनीतिक अटकलें तेज हो गई हैं।

अब बिहार में चुनाव का बिगुल बजने वाला है और जल्द ही साफ हो जाएगा कि मैथिली ठाकुर का राजनीतिक डेब्यू महज अटकल है या भाजपा की चुनावी रणनीति का नया हथियार। यदि ऐसा होता है, तो अलीनगर की सियासत में युवा मतदाताओं और संगीत प्रेमियों का बड़ा समर्थन भाजपा की ओर खिंच सकता है।