Putin India Visit: पुतिन की भारत यात्रा में छाए पटना के अभय कुमार सिंह! रूस में विधायक बने पहले भारतीय की कहानी चर्चाओं में

Putin India Visit: पुतिन की भारत यात्रा के बीच पटना के अभय कुमार सिंह सुर्खियों में हैं। रूस में विधायक बनने वाले पहले भारतीय मूल के नेता अभय सिंह की दिलचस्प कहानी।

पटना के अभय कुमार सिंह सुर्खियों में- फोटो : social media

Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार को अपने विशेष विमान से भारत पहुंचे। जैसे ही उनका विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद पहुंचकर उनसे मिले। यह स्वागत औपचारिक प्रोटोकॉल से अलग था, इसलिए इसका महत्व और बढ़ गया। दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने पुतिन को रूसी भाषा में अनूदित भगवद् गीता भेंट की। यह उपहार भारत–रूस के सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक माना जा रहा है। इस मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं।आज दोनों नेता 23वें भारत–रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जहाँ रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और अंतरराष्ट्रीय रणनीति से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत होने की उम्मीद है।

पुतिन की यात्रा में पटना के अभय कुमार सिंह बने चर्चा का केंद्र

इस दौरे में जिस नाम ने सभी का ध्यान खींचा, वह है बिहार के पटना से आने वाले अभय कुमार सिंह। अभय सिंह रूस की सत्ताधारी पार्टी यूनाइटेड रशिया से विधायक बनने वाले पहले भारतीय मूल के नेता हैं। उनकी कहानी किसी फिल्म की तरह लगती है—पटना के स्कूल से शुरू होकर रूस की संसद तक पहुँचने का सफर, जिसमें संघर्ष भी है, अवसर भी और सफलता भी।

अभय सिंह की स्कूली शिक्षा

अभय सिंह ने अपनी स्कूली शिक्षा लोयोला हाई स्कूल, पटना से पूरी की। 1991 में मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस गए और कुर्स्क स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से MBBS किया। कुछ समय भारत लौटकर डॉक्टर के रूप में काम किया, लेकिन अवसर सीमित होने के कारण फिर से रूस लौट गए। वहां उन्होंने फार्मा और रियल एस्टेट का कारोबार शुरू किया और धीरे-धीरे राजनीति में कदम रखा। अंततः वे पुतिन की पार्टी के टिकट पर विधायक बने।अभय अक्सर मज़ाक में कहते हैं कि “बिहार वालों के DNA में राजनीति होती है”, और उनकी यात्रा इस बात को सच भी करती है।

भारत–रूस संबंधों पर अभय सिंह की राय

पुतिन की यात्रा से पहले अभय सिंह ने कहा कि भारत और रूस का रिश्ता “रणनीतिक गहराई” पर आधारित है और यह दोस्ती विश्व राजनीति में एक अलग पहचान रखती है।उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि भारत को रूस से S-500 जैसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद पर विचार करना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और बढ़ेगा।रूस में रहने वाले भारतीय समुदाय और सरकार के बीच अभय सिंह को एक भरोसेमंद सेतु माना जाता है।

पहलगाम आतंकी हमले पर रूस की प्रतिक्रिया

हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर रूस ने भारत के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। अभय सिंह ने बताया कि रूसी जनता भी ऐसी घटनाओं से आहत होती है।उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से इस हमले की निंदा की और आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर रूस भारत की हर संभव सहायता करेगा।यह बयान दर्शाता है कि सुरक्षा मामलों में भी दोनों देशों के बीच सहयोग लगातार मज़बूत हो रहा है।

पटना की गलियों से रूस की विधानसभा तक — अभय सिंह का अनोखा सफर

अभय कुमार सिंह की कहानी उन भारतीयों के लिए प्रेरणा है जो विदेश जाकर भी अपनी पहचान बनाने में सफल होते हैं। डॉक्टर से उद्यमी और फिर विधायक तक का उनका सफर न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारत–रूस संबंधों में भी नई मजबूती जोड़ता है।आज वे दोनों देशों के बीच पुल की तरह काम कर रहे हैं—ऐसे पुल की तरह जो सांस्कृतिक, राजनीतिक और सामाजिक समझ को करीब लाता है।