corona kit: बिहार में कोरोना की ताबड़तोड़ टेस्टिंग से थमेगी महामारी की रफ्तार,कोविड किट तैयार

corona kit: राज्य के सभी 38 जिलों के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही एक लाख कोविड जांच किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें 60,000 आरटीपीसीआर (रियल टाइम पीसीआर) और 40,000 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन किट शामिल हैं।

कोविड किट तैयार- फोटो : social Media

corona kit: बिहार में कोरोना के संभावित प्रसार को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। राज्य के सभी 38 जिलों के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में जल्द ही एक लाख कोविड जांच किट उपलब्ध कराई जाएंगी, जिनमें 60,000 आरटीपीसीआर (रियल टाइम पीसीआर) और 40,000 ऑटोमेटेड आरएनए एक्सट्रेक्शन किट शामिल हैं। यह कदम महामारी के विरुद्ध बिहार की सतत मुस्तैदी का परिचायक है, जिसका उद्देश्य संदिग्ध मरीजों की त्वरित पहचान और संक्रमण की श्रृंखला को तोड़ना है।

युद्धस्तर पर तैयारी: जांच और उपचार की दोहरी रणनीति

स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों में जांच किटों की तीव्र गति से आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है, ताकि किसी भी संदिग्ध मरीज के आगमन पर जांच में तनिक भी विलंब न हो। इसके साथ ही, उपचार संबंधी आवश्यक तैयारियों को भी पुख्ता किया गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इस संदर्भ में कहा कि कोविड संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह कटिबद्ध है। देशव्यापी बढ़ते खतरे को देखते हुए बिहार में रोकथाम, ससमय जांच और बेहतर उपचार की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बिहार ने पूर्व में भी कोविड संक्रमण से उत्पन्न चुनौतियों का डटकर सामना किया है और वर्तमान में भी स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में कोविड जांच को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

किटों का अधिकतम सदुपयोग और सतर्कता का आह्वान

स्वास्थ्य मंत्री ने जांच किटों के अधिकतम सदुपयोग पर भी जोर दिया। सिविल सर्जन, अधीक्षक, और मेडिकल कॉलेज एवं अस्पतालों को इन किटों के समुचित उपयोग और क्षति से बचाने की विशेष जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि बहुमूल्य संसाधनों का अपव्यय न हो। 31 मई को राज्य के अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता की जांच के लिए एक मॉकड्रिल भी आयोजित किया गया, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने की तैयारी दर्शाता है।

स्वास्थ्य विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि भारत में कोविड-19 के दो नए सब-वैरिएंट – एनबी.1.8.1 और एलएफ.7 की पहचान की गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन्हें केवल 'निगरानी में रखे गए वैरिएंट' की श्रेणी में रखा है, जिसका अर्थ है कि इनसे घबराने की आवश्यकता नहीं है, अपितु केवल सतर्क रहने की सलाह दी गई है।