राजद के अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन में तेली, कानू, दांगी और चौरसिया की 'नो इंट्री' की, यही है उनका अतिपिछड़ा अधिकार मॉडल, मंत्री प्रेम कुमार ने लगाया आरोप
Patna - बिहार सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता प्रेम कुमार ने राजद और कांग्रेस पर पिछड़े और अति पिछड़े समाज को ठगने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब दोनों दल सत्ता में रहे, तो इस समाज को न अधिकार देने का काम किया, न कभी सम्मान दिया।
भाजपा प्रदेश कार्यालय में आज एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मंत्री प्रेम कुमार ने राजद के 'कर्पूरी अतिपिछड़ा अधिकार सम्मेलन' को लेकर कहा कि इसमें तेली, कानू, दांगी और चौरासिया जाति के लिए नो इंट्री कर दी जाती है। तेली समाज से राजद के बड़े नेता और 'बिहार तैलिक साहू समाज' के अध्यक्ष, विधायक रणविजय साहू और कानू समाज के नेता और राजद व्यावसायिक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष गोपाल गुप्ता को इस कार्यक्रम से लौटा दिया गया। यही है उनका अतिपिछड़ा अधिकार मॉडल।
उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव आज 'जननायक' के नाम पर अतिपिछड़ा का वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं और उनके पिता लालू यादव कर्पूरी बाबू को हमेशा अपमानित करते रहे। अति-पिछड़ों से लालू यादव को इतनी घृणा थी कि वो कर्पूरी बाबू को 'कपटी ठाकुर' कहते थे।
राजद ने बिहार पर 15 साल शासन किया, लेकिन कर्पूरी बाबू के नाम पर एक भी ठोस काम नहीं किया, जबकि एनडीए सरकार ने कर्पूरी बाबू को 'भारत रत्न' से सम्मानित किया और उनके विचारों को धरातल पर उतारते हुए पिछड़ा आयोग को संवैधानिक मान्यता दी।
कर्पूरी बाबू के नाम पर एनडीए सरकार बिहार का पहला कौशल विश्वविद्यालय स्थापित कर रही है। अतिपिछड़ा कल्याण बजट में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2022 में ईबीसी आयोग का गठन किया गया। सभी जिलों में कर्पूरी ठाकुर छात्रावास की स्थापना कर अति-पिछड़ा छात्रों के लिए शिक्षा व छात्रवृत्ति की सुविधाएँ उपलब्ध कराई गईं।
उन्होंने कहा, "पिछले 20 वर्षों से बिहार सरकार एवं पिछले 11 वर्षों से मोदी सरकार दृढ़ संकल्प के साथ पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज को सशक्त कर रही है। महागठबंधन के चुनावी मेढ़क चुनाव आते ही पिछड़ा-अतिपिछड़ा समाज के कल्याण का राग अलापने लगते हैं।"
उन्होंने कहा कि लालू यादव ने बेटे तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के एकमात्र उद्देश्य से राजनीति कर रहे हैं। लालू यादव ने पिछड़ा-अतिपिछड़ा विरोधी कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर बिहार के पिछड़ों के साथ गद्दारी की है। यह तथ्य है कि राजद जब भी सत्ता में आएगी, गैर-यादव (लालू परिवार, पिछड़ा समाज सहित दलित, वंचित, मुसलमान) बिहार का मुख्यमंत्री नहीं बनेगा। जबकि एनडीए के सत्ता में रहते हुए किसी भी समाज के मुख्यमंत्री बनने की संभावना है।
मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि राजद ने अपने 15 साल के शासन में बिहार में स्थानीय निकायों और पंचायत के चुनाव नहीं होने दिए और पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित, आदिवासी समाज के लोगों को आरक्षण के लाभ से वंचित रखा।
दूसरी ओर, उन्होंने भाजपा की चर्चा करते हुए कहा कि भाजपा ने देश को पहला ओबीसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में दिया। भाजपा ने आज मध्यप्रदेश और हरियाणा में ओबीसी, छत्तीसगढ़, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश में एसटी मुख्यमंत्रियों के हाथ में प्रदेश की कमान देने का काम किया है। देश के उपराष्ट्रपति ओबीसी समाज के सीपी राधाकृष्णन को भी भाजपा ने ही समर्थन दिया।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने ओबीसी समाज को केवल नारों में नहीं, बल्कि नीतियों में दर्जा दिया। जातिगत जनगणना को लेकर मोदी सरकार का निर्णय ऐतिहासिक है। 01 मार्च 2027 से जातिगत जनगणना का काम पूरे देश में शुरू हो जाएगा।
उन्होंने पिछड़े और अति-पिछड़ा वर्ग के लिए विभिन्न योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि वर्ष 2006 से पंचायतों में 20 प्रतिशत तक आरक्षण लागू है। पंचायती राज संस्थानों की तरह नगर निकायों के सभी कोटि के पदों पर भी वर्ष 2007 से 20 फीसदी तक का आरक्षण, ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पिछड़े और अति-पिछड़ा समाज कभी भी राजद को बिहार की सत्ता नहीं सौपेंगे।
इस प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल, मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलु और प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार उपस्थित रहे।