Bihar Assembly Session:सियासी नोक झोंक के साये में सत्र का अवसान, स्पीकर ने दी नए साल की शुभकामना

Bihar Assembly Session: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र, जो महज़ पाँच दिनों का छोटा मगर सियासी तेवरों से लबरेज़ था, शुक्रवार को औपचारिक अवसान की ओर बढ़ा। सदन में स्पीकर प्रेम कुमार ने गवेल बजाते हुए 18वीं बिहार विधानसभा के इस सत्र का समापन किया

सियासी नोक झोंक के साये में सत्र का अवसान- फोटो : social Media

Bihar Assembly Session: बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र, जो महज़ पाँच दिनों का छोटा मगर सियासी तेवरों से लबरेज़ था, शुक्रवार को औपचारिक अवसान की ओर बढ़ा। सदन में स्पीकर प्रेम कुमार ने गवेल बजाते हुए 18वीं बिहार विधानसभा के इस सत्र का समापन किया और सभी सदस्यों पक्ष और विपक्ष को आने वाले नए वर्ष की अग्रिम मुबारकबाद देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मर्यादाओं के साथ आगे बढ़ना ही सदन की असल आत्मा है।

सत्र के आख़िरी दिन भी सदन की फ़िज़ा में हल्की–फुल्की नोक–झोंक, राजनीतिक तंज़ और संसदीय बहस का रंग बरक़रार रहा। विपक्ष ने सरकार की आर्थिक नीतियों, पूरक बजट और प्रशासनिक विफलताओं पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए सरकार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की, तो सत्ता पक्ष ने भी पूरी राजनीतिक वज़ाहत के साथ पलटवार किया। बयानबाज़ी, आरोप–प्रत्यारोप और तल्ख़ अल्फ़ाज़ सत्र के अंतिम दिन भी सदन का माहौल किसी गर्मागरम सियासी अखाड़े से कम नहीं दिखा।

स्पीकर प्रेम कुमार ने समापन संबोधन में कहा कि विरोझ अपनी जगह है लेकिन लोकतंत्र का तक़ाज़ा है कि बहस तहज़ीब के दायरों में हो।” उन्होंने सभी दलों के नेताओं का शुक्रिया अदा किया कि सीमित समय के बावजूद महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूरे किए गए।

अब यह शीतकालीन सत्र 2025 इतिहास के पन्नों में दर्ज हो चुका है और सदन की अगली गूंज 2026 में सुनाई देगी, जब नए मुद्दे, नए प्रस्ताव और नई सियासी गर्माहट के साथ विधानसभा का अगला सत्र शुरू होगा।

इस तरह, पांच दिन की राजनीतिक सरगर्मियों, संसदीय बहसों और हल्की–फुल्की तल्ख़ियों के बीच बिहार विधानसभा का सत्र शांतिपूर्वक समाप्त हुआ—पर सियासत की कहानी तो अभी जारी है।