Bihar Politics:शाह का बिहार मिशन 2025, सियासी महाभारत की पटकथा लिखने पटना में उतरे बीजेपी के चाणक्य
Bihar Politics: अमित शाह का बिहार दौरा सिर्फ़ संगठनात्मक समीक्षा नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के जोश में बिजली भरने की कोशिश है।
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में इन दिनों जोश, जुनून और जद्दोजहद का माहौल है। 2025 के विधानसभा चुनाव की आहट तेज़ होते ही सियासी गलियारों में हलचल बढ़ चुकी है। इसी परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी के सबसे असरदार चेहरे, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार रात पटना पहुंचे। पटना एयरपोर्ट से सीधे एक प्राइवेट होटल का रुख किया, जहां बिहार बीजेपी नेताओं ने उनका गर्मजोशी से इस्तक़बाल किया।
गुरुवार सुबह शाह का सफ़र शुरू होगा। सबसे पहले रोहतास के डेहरी। यहां मगध और शाहाबाद के तकरीबन 20 जिलों के पदाधिकारी, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता शाह की नसीहत सुनने जुटेगे। शाह ने साफ़ लहजे में कहा कि अबकी बार की जंग आसान नहीं, लेकिन बीजेपी की फौज अगर मैदान में ईमानदारी और संगठन की ताक़त से उतरे तो जीत नामुमकिन नहीं।
डेहरी के जक्खी बिगहा स्पोर्ट्स क्लब में बैठक गोही। जहां शाह हार के जख्मों पर नमक नहीं बल्कि मरहम लगाते हुए कहा—2020 की शिकस्त और 2024 की लोकसभा की नाकामी से सबक लेकर अबकी बार दुश्मन को करारी मात देने पर मंथन होगा। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि "हर बूथ पर मज़बूत सिपाही, हर गली में भगवा परचम" ही बिहार में बीजेपी की जीत का फ़ॉर्मूला होगा।
इसके बाद शाह का क़ाफ़िला दोपहर 2 बजे बेगूसराय की तरफ़ बढ़ेगा। बरौनी रिफाइनरी टाउनशिप स्टेडियम में आयोजित सभा में पटना, बेगूसराय, नालंदा, खगड़िया, जमुई, लखीसराय, मुंगेर और शेखपुरा के तकरीबन ढाई हज़ार पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल होगें।
बिहार बीजेपी इस वक़्त पूरे प्रदेश को पांच ज़ोन में बाँटकर चुनावी तैयारियों में जुटी है। शाह खुद हर ज़ोन की कमान थामे हुए हैं। डेहरी और बेगूसराय की बैठकों को इसी सिलसिले की अहम कड़ी माना जा रहा है।
सियासी जानकार मानते हैं कि शाह का ये बिहार दौरा सिर्फ़ संगठनात्मक समीक्षा नहीं, बल्कि कार्यकर्ताओं के जोश में बिजली भरने की कोशिश है। विपक्षी महागठबंधन जहां शाह के क़दमों से बेचैन है, वहीं बीजेपी खेमा मान रहा है कि "चाणक्य" के मैदान में उतरते ही सियासी समीकरण बदलने तय हैं।
अब नज़रें टिकी हैं 27 सितंबर पर, जब शाह फिर बिहार लौटेंगे और बाकी ज़ोन के सिपाहियों को जीत का मंत्र देंगे। साफ़ है कि शाह का बिहार मिशन सिर्फ़ चुनाव नहीं, बल्कि सियासी महाभारत की तैयारी है—जहां आर या पार की लड़ाई होगी।