विधानसभा में साउंड सिस्टम की नाकामी पर स्पीकर सख़्त, अधिकारियों पर बरसा कहर, दोषियों पर कार्रवाई का अल्टीमेटम

Bihar Assembly Session: बिहार की सियासत के दिल विधानसभा भवन में गुरुवार को एक अहम और उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसकी कमान खुद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने संभाली।...

विधानसभा में साउंड सिस्टम की नाकामी पर स्पीकर सख़्त- फोटो : Hiresh Kumar

Bihar Assembly Session: बिहार की सियासत के दिल विधानसभा भवन में गुरुवार को एक अहम और उच्च-स्तरीय बैठक हुई, जिसकी कमान खुद विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार ने संभाली। यह बैठक महज़ औपचारिकता नहीं थी, बल्कि एक तरह से एहतियाती चौकसी थी क्योंकि हाल में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान माइक और साउंड सिस्टम में आई खामियों ने सदन की गरिमा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया था। स्पीकर प्रेम कुमार का लहजा सख़्त था और संदेश साफ़ था कि विधानसभा की मर्यादा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

भवन निर्माण विभाग के आला अफ़सरों को तलब कर स्पीकर ने एक-एक बिंदु पर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सदन की तकनीकी व्यवस्था में ऐसी लापरवाही न सिर्फ तकनीकी विफलता है, बल्कि संवैधानिक कार्यवाही में बाधा डालने के बराबर है।

अध्यक्ष ने अधिकारियों से पूछा कि आखिर ऐसी चूक क्यों हुई, और जिम्मेदार कौन है? इस पर विभाग के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि जांच तेज़ रफ़्तार से होगी और जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी शर्मनाक स्थिति दोबारा न हो, इसके लिए वैकल्पिक और मज़बूत तंत्र लगाया जाएगा। विधानसभा भवन की रखरखाव व्यवस्था, तकनीकी सिस्टम, सिविल व इलेक्ट्रिकल कार्यों की अलग-अलग समीक्षा की गई।

स्पीकर ने साफ़ निर्देश दिया कि विधानसभा जैसे संवैधानिक मंदिर में गुणवत्ता, अनुशासन और तकनीकी परिशुद्धता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। कोई चूक, कोई ढिलाई किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है।यह बैठक इस बात का भी संकेत है कि नीतीश सरकार और विधानसभा प्रशासन अब तकनीकी लापरवाही के प्रति शून्य-सहनशीलता की नीति अपनाने के मूड में है। विधानसभा की गरिमा, कार्यवाही का सुचारु संचालन और जनता के प्रति जवाबदेही, इन सब पर किसी किस्म का समझौता अब संभव नहीं।