Bihar land: दाखिल-खारिज में प्रशासन की सख्ती से रैयतों की बढ़ी परेशानी, पटना जिले में 3.65 लाख आवेदन रिजेक्ट

Bihar land: बिहार में जमीन से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे के दावे के बीच पटना जिले के रैयत अब बेहाल नजर आ रहे हैं। दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू होने के बाद से ...

Bihar land: बिहार में जमीन से जुड़े मामलों के तेजी से निपटारे के दावे के बीच पटना जिले के रैयत अब बेहाल नजर आ रहे हैं। दाखिल-खारिज के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू होने के बाद से कुल 10.16 लाख आवेदन जमा हुए, लेकिन इसमें से 6.33 लाख आवेदन स्वीकार किए गए जबकि 3.65 लाख से अधिक यानी करीब 36 प्रतिशत आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। इसके अलावा 17,025 आवेदन यानी 1.67 प्रतिशत अभी भी पेंडिंग हैं। जानकारों का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद अंचल कार्यालय में कर्मियों और अधिकारियों से संपर्क करने पर ही आवेदन स्वीकृत कराने में सफलता मिलती है, वरना किसी-न-किसी कागजात की कमी बताकर आवेदन रिजेक्ट कर दिया जाता है। 

पटना जिले के अलग-अलग अंचलों में रिजेक्ट आवेदनों का आंकड़ा काफी चिंताजनक है। पालीगंज में 18,807 ऑनलाइन आवेदन में से केवल 8,157 को स्वीकार किया गया, जबकि 10,520 आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए। दीदारगंज, मनेर, मसौढ़ी और पुनपुन सहित बिक्रम में भी रिजेक्ट आवेदन भारी संख्या में हैं। फुलवारीशरीफ में सबसे अधिक संख्या में आवेदन रिजेक्ट किए गए हैं; 1.31 लाख आवेदन में से 87,263 स्वीकार किए गए और 42,280 रिजेक्ट हो गए। बिहटा में 85,659 आवेदन में से 53,508 स्वीकार किए गए और 30,368 रिजेक्ट हुए। दानापुर में 77,073 आवेदन में से 49,544 स्वीकार किए गए, जबकि 26,420 रिजेक्ट किए गए। नौबतपुर में 59,204 आवेदन में से केवल 35,727 स्वीकार किए गए और 22,154 रिजेक्ट हुए।

 प्रशासन की इस सख्ती के कारण रैयतों को फिर से आवेदन जमा करना होगा, जो न सिर्फ समय और मेहनत की दुगनी मार है बल्कि कई बार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए परेशानी भी खड़ी कर रही है। अधिकारी मानते हैं कि दाखिल-खारिज प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए ऑनलाइन सुविधा सही दिशा में कदम है, लेकिन कागजात और प्रक्रियागत खामियों के कारण कई रैयत अब तक अपने हक से वंचित हैं।