तेजप्रताप का ‘रैंप शो’! धोती-कुर्ता में रैंप पर उतरे लालू के बड़े लाल, नई पार्टी ने मचा दी सियासी सनसनी!

Tej Pratap Yadav: बिहार की सियासत में हमेशा अपने अनोखे तेवर और बयानबाज़ी से सुर्खियाँ बटोरने वाले तेजप्रताप यादव एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं।...

तेजप्रताप का ‘रैंप शो’! - फोटो : social Media

Tej Pratap Yadav: बिहार की सियासत में हमेशा अपने अनोखे तेवर और बयानबाज़ी से सुर्खियाँ बटोरने वाले तेजप्रताप यादव एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। कभी बांसुरी लेकर कान्हा बनते हैं, कभी गेरुए वस्त्रों में शिवभक्त  और अब सोशल मीडिया पर उनका नया अंदाज़ सबका ध्यान खींच रहा है। हाल ही में उनकी नई सोशल मीडिया टीम ने एक वीडियो जारी किया जिसमें तेजप्रताप देशी ठाठ में धोती-कुर्ता पहनकर रैंप वॉक करते नज़र आ रहे हैं। यह देसी फैशन शो वाला वीडियो देखते ही देखते वायरल हो गया।

पर यह तेजप्रताप का पहला ‘ड्रामेटिक’ मूव नहीं है। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार की राजनीति के ‘एनिग्मेटिक’ चेहरा बन चुके तेजप्रताप का सफर हमेशा नाटकीय प्रस्तुतियों और अप्रत्याशित बयानों से भरा रहा है। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय उन्होंने कहा था, “भगवान राम 22 जनवरी को अयोध्या नहीं आएंगे” — और बस, सियासी गलियारों में हलचल मच गई थी। मंत्री रहते हुए भी वे कई बार सरकारी काफिले को छोड़कर साइकिल से मंत्रालय पहुंचते थे, मानो सत्ता के बीच सादगी का संदेश देना चाहते हों।

अब तेजप्रताप ने एक और बड़ा दांव खेला है  ‘जनशक्ति जनता दल’ नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाकर। आरजेडी से निष्कासन के बाद उन्होंने एक्स पर पार्टी का पोस्टर जारी किया और खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित किया। पार्टी का चुनाव चिह्न ब्लैकबोर्ड रखा गया है और नारा दिया गया है “सामाजिक न्याय, सामाजिक हक और संपूर्ण बदलाव”। यह नारा साफ इशारा करता है कि तेजप्रताप अपने पिता लालू यादव की राजनीति की समानांतर धारा बनाना चाहते हैं।

पटना में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने अपने छोटे भाई तेजस्वी यादव पर तीखा तंज कसा “तेजस्वी छोटे भाई हैं, उन्हें बड़े भाई का सम्मान करना चाहिए। कौन राम है, कौन लक्ष्मण, यह समझना चाहिए। जयचंद लोग उनके आस-पास हैं जो सच्चाई नहीं बता रहे।”

तेजप्रताप ने यह भी घोषणा की है कि वे महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। यह घोषणा न केवल आरजेडी परिवार में दरार का इशारा करती है, बल्कि बिहार की राजनीति में एक नया समीकरण भी तैयार करती है।।