Bihar Vidhansabha Chunav : नीतीश कुमार की राजनीति का केंद्र सत्ता नहीं, जनता है: डॉ मधुरेंदु पांडेय
Bihar Vidhansabha Chunav : जदयू नेता मधुरेंदु पाण्डेय ने कहा की नीतीश कुमार की राजनीति का केंद्र सत्ता नहीं, जनता है...पढ़िए आगे
PATNA : जद (यू) मीडिया पैनलिस्ट डॉ मधुरेंदु पांडेय ने सोशल संवाद करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार वह नेता हैं जिन्होंने यह साबित किया है कि सरकार सिर्फ फाइलों और घोषणाओं से नहीं, बल्कि जनता के बीच जाकर, उनके बीच बैठकर और उनकी समस्याओं को समझकर चलती है। यदि किसी ने सच में यह दिखाया है कि सरकार जनता तक कैसे पहुंचती है, तो वह हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, एक ऐसे मुख्यमंत्री जिन्होंने राजनीति को सेवा के रूप में अपनाया है, सत्ता के साधन के रूप में नहीं।
जहाँ अधिकांश नेता शहरों में मंच से भाषण देते हैं, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गाँव की गलियों में जाकर जनता से सीधा संवाद करते हैं। उन्होंने न केवल योजनाएँ बनाईं, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि वे योजनाएँ जमीन पर उतरें। विकास की असली परीक्षा गाँवों में होती है वहीं जहाँ किसान, मजदूर, गरीब और महिलाएँ रहती हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह समझा कि अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो गाँवों को सशक्त बनाना होगा। उन्होंने गांव-गांव जाकर विकास योजनाओं की समीक्षा की, जनता से प्रत्यक्ष संवाद किया और जहाँ कहीं भी त्रुटियाँ दिखीं, उन्हें मौके पर ही ठीक कराने का निर्देश दिया। वे योजनाओं की फाइलों पर भरोसा नहीं करते, बल्कि खुद मैदान में उतरकर सच्चाई देखते हैं।
आज बिहार की महिलाएँ पंचायत से लेकर नगर निकाय तक आत्मविश्वास के साथ काम कर रही हैं। सरकार की प्रोत्साहन योजनाओं जैसे छात्राओं के लिए साइकिल, पोशाक और नकद इनाम ने शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। अब हर घर की बेटियाँ स्कूल और कॉलेज जा रही हैं और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं। यही असली सशक्तिकरण है।
बिहार में सड़कों और बिजली के क्षेत्र में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने चमत्कारिक परिवर्तन किया। एक समय जब बिहार की सड़कों का मजाक उड़ाया जाता था, आज वही सड़कें विकास की पहचान बन चुकी हैं। हर गाँव तक सड़क पहुँचाई गई है, जिससे किसान अपनी उपज बाजार तक ले जा सकें, बच्चे स्कूल जा सकें और मरीज अस्पताल पहुँच सकें। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं कि वे जनता के सेवक हैं, शासक नहीं। जब वे गाँवों में जाते हैं तो अधिकारियों के साथ नहीं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान के रूप में जनता के बीच बैठते हैं। वे बच्चों से पूछते हैं कि स्कूल में पढ़ाई कैसी चल रही है, महिलाओं से पूछते हैं कि नल का जल मिल रहा है या नहीं, किसानों से पूछते हैं कि पानी और खाद की व्यवस्था है या नहीं। यही संवाद उन्हें जनता के दिल के करीब लाता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कार्यकाल सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनसेवा का उदाहरण है। बिहार की जनता जानती है कि जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांवों में पहुंचते हैं, तो विकास भी साथ लेकर आते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वह मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने यह साबित किया है कि असली राजनीति वही है जो जनता की सेवा में समर्पित हो और असली विकास वही है जो गांव-गांव तक पहुंचे।