Bihar Election 2025 : बिहार चुनाव के पहले चरण में 1314 उम्मीदवारों के भाग्य का होगा फैसला, जानिए किन सीटों पर है सबसे अधिक और कम प्रत्याशियों की संख्या

PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 6 नवम्बर को चुनाव कराये जायेंगे। नामांकन की सारी प्रक्रिया समाप्त हो गयी है। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि 20 अक्तूबर को समाप्त होने के बाद, 18 ज़िलों की 121 विधानसभा सीटों पर कुल 1314 उम्मीदवार अंतिम मुकाबले के लिए शेष बचे हैं। निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इन सीटों पर कुल 1690 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था, जिनमें से 315 नामांकन पत्रों को संवीक्षा (जाँच) के दौरान रद्द किया गया, जबकि 61 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया। पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को होगा, जहाँ ये उम्मीदवार अपनी किस्मत आज़माएंगे।

सर्वाधिक और न्यूनतम उम्मीदवार वाले क्षेत्र

नामांकन वापसी के बाद कई सीटों पर उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय या बहुकोणीय हो गया है। मुजफ्फरपुर और कुढ़नी विधानसभा क्षेत्रों में सबसे अधिक 20-20 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके अलावा, महनार में 18, डुमरांव में 16 और सिमरी बख्तियारपुर, महुआ, उजियारपुर, जमालपुर, तरारी और बक्सर जैसी सीटों पर 15-15 उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं। वहीं, कुछ सीटों पर मुकाबला बेहद सीमित है; भोरे, परबत्ता और अलौली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम पाँच-पाँच उम्मीदवारों के बीच ही सीधा मुकाबला होगा।

दलबदल और अपनों के लिए नाम वापसी

दूसरे चरण के नामांकन वापस लेने वाले उम्मीदवारों में कई हाई-प्रोफाइल नाम शामिल हैं, जिन्होंने बड़े गठबंधनों या पारिवारिक हितों के चलते अपना नाम वापस लिया। लालगंज से कांग्रेस उम्मीदवार आदित्य कुमार ने महागठबंधन से राजद उम्मीदवार शिवानी शुक्ला के समर्थन में पर्चा वापस लिया। वहीं, तारापुर से वीआईपी उम्मीदवार सकलदेव बिंद ने भाजपा उम्मीदवार सम्राट चौधरी के समर्थन में नाम वापस ले लिया। परिवारवाद का असर भी दिखा, जब दानापुर में निर्दलीय टिंकु कुमार यादव ने अपने भाई रीतलाल राय के समर्थन में और डुमरांव में निर्दलीय करतार सिंह यादव ने अपने पिता ददन सिंह यादव के समर्थन में नामांकन वापस लिया।

जनसुराज, बसपा और आप उम्मीदवारों ने भी नाम वापस लिए

नामांकन वापस लेने वाले अन्य उम्मीदवारों में बिहार सरकार के पूर्व मंत्री रामप्रवेश राय (बरौली), खगड़िया से रालोजपा उम्मीदवार रहीं पूर्व विधायक पूनम देवी यादव जैसे अनुभवी नेता शामिल हैं। इसके अलावा, नई और छोटी पार्टियों के कई उम्मीदवार भी चुनावी दौड़ से बाहर हुए। गोपालगंज से जनसुराज के शशिशेखर सिन्हा, ब्रह्मपुर से जनसुराज के सत्यप्रकाश तिवारी, रघुनाथपुर से बसपा के अवधेश भगत, बछवाड़ा से बसपा के दिलीप कुमार और सिंहेश्वर से आम आदमी पार्टी (आप) के नंदन कुमार ने भी अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे मुख्य गठबंधनों के प्रत्याशियों को थोड़ी राहत मिली है।

दूसरे चरण की प्रक्रिया जारी

पहले चरण की प्रक्रिया समाप्त होने के साथ ही दूसरे चरण के मतदान को लेकर भी गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। दूसरे चरण के लिए नामांकन की समय सीमा भी 20 अक्तूबर को समाप्त हो चुकी है। मंगलवार को नामांकन पत्रों की संवीक्षा की गई, जिसमें कई नामांकन पत्र रद्द कर दिए गए। दूसरे चरण के उम्मीदवार 23 अक्तूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकेंगे। 11 नवंबर को इस चरण का मतदान होगा। अब सभी की निगाहें 23 अक्तूबर पर टिकी हैं, जब दूसरे चरण की अंतिम चुनावी तस्वीर साफ होगी।