Bihar News : दो दिवसीय जीटीआरआई संवाद ‘विजन टू विक्ट्री’ के पांचवें संस्करण की हुई शुरुआत, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विकसित बिहार के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की बताई जरुरत

Bihar News : पटना में दो दिवसीय जीटीआरआई संवाद ‘विजन टू विक्ट्री’ के पांचवें संस्करण की शुरुआत हो गयी. जिसमें नीति निर्माता, शिक्षा और उद्योग से जुडी हस्तियां, सफल उद्यमी, स्टार्ट-अप नेता और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल हुए.

Bihar News : दो दिवसीय जीटीआरआई संवाद ‘विजन टू विक्ट्री’ के पांचवें संस्करण की हुई शुरुआत, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विकसित बिहार के लिए बहुआयामी दृष्टिकोण की बताई जरुरत
जीटीआरआई संवाद की शुरुआत - फोटो : SOCIAL MEDIA

PATNA : दो दिवसीय जीटीआरआई (ग्रांड ट्रंक रोड इनिशिएटिव) संवाद ‘विजन टू विक्ट्री’ के पांचवें संस्करण के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य विशिष्ट अतिथि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि जीटीआरआई संवाद कार्यक्रम इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है कि इसमें भारत समेत दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बसे सफल बिहारी न सिर्फ़ सक्रियता से शिरकत कर रहे हैं, बल्कि राज्य के पुनरुद्धार में यथोचित योगदान के लिए भी तत्पर हैं। उन्होंने आगे कहा कि एक बहुआयामी दृष्टिकोण के ज़रिए बिहार का सर्वांगीण विकास सरकार की प्राथमिकता है। जहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय का पुनरुद्धार किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य चल रहा है जो इस साल जून तक पूरा हो जाएगा। इसी तरह, कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न जिलों में 12 हवाई अड्डों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही, उन्होंने किसानों की सिंचाई आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से पूरा करने और कृषि अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए नदियों को आपस में जोड़ने की बात भी कही। उन्होंने गया से गुजरने वाले फ्रेट कॉरिडोर की भूमिका पर भी प्रकाश डाला, जो राज्य के आर्थिक पुनरुत्थान में काफ़ी सहायक होगा। अंत में, उन्होंने हालिया केंद्रीय बजट में बिहार को बेहतर आवंटन की चर्चा करते हुए आशा जताई कि इससे कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू करने में भरपूर मदद मिलेगी। कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री द्वारा उत्पल कुमार द्वारा लिखित ‘एमिनेंट डिस्टोरियंस’ और अभय के. की पुस्तक ‘नालंदा: हाऊ इट चेंज्ड द वर्ल्ड’ का भी लोकार्पण किया गया। बतौर मुख्य अतिथि बिहार राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के चेयरमैन न्यायमूर्ति संजय कुमार ने कहा कि बिहार में प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने की जरूरत है। इसे साकार करने के लिए उन्होंने बिहार में विभिन्न क्षेत्रों में अधिक निवेश आकर्षित करने के साथ-साथ कृषि के पुनरुद्धार पर जोर दिया।

पैनल चर्चा में भाग लेते हुए बिहार के मुख्यमंत्री के निजी सचिव तथा शिक्षा विभाग एवं कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि हमने शिक्षकों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने, बुनियादी ढांचे में सुधार और स्कूलों को सुचारू रूप से चलाने में बहुत हद तक सफल हुए है। इसी कड़ी में, हम स्कूलों में ड्रॉप आउट दर को शून्य करने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने आगे कहा कि सरकार कक्षा 10 से लेकर स्नातक स्तर तक कौशल विकास प्रशिक्षण को भी प्राथमिकता दे रही है। सरकारी नौकरियों की सीमित संख्या को देखते हुए, हम आईटीआई, पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ साझेदारी करके अपने छात्र-छात्राओं को आवश्यक रोजगार कौशल में प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि वे सबसे बड़े नियोक्ता यानी निजी क्षेत्र की अपेक्षाओं पर खरे उतर सकें। भूतपूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा कि बिहार में शीर्ष राज्यों में शामिल होने की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने राज्य में निवेश आकर्षित करने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों के रूप में बुनियादी ढांचागत विकास, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और बेहतर कानून-व्यवस्था की चर्चा की। साथ ही, उन्होंने बिहार के विकास में पर्यटन के महत्व को भी रेखांकित किया और बोधगया को सबसे बड़े बौद्ध सर्किट के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। एक अन्य पैनल चर्चा में लोकसभा सांसद सुधाकर सिंह ने कहा कि भारतीय लोगों का इतिहास बिहारियों का इतिहास है। मॉरीशस, सूरीनाम, फिजी आदि के विकास में बिहारी प्रवासियों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका का हवाला देते हुए उन्होंने राज्य के समग्र विकास में बिहार की जनता और प्रवासी बिहारियों की अदम्य क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी मानसिकता बदलने के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि जैसे तीन प्रमुख क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर काम करने की आवश्यकता है। अप्रवासी पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुल 3 करोड़ पंजीकृत प्रवासी बिहारियों में से 2 करोड़ से अधिक कृषि और अकुशल व्यवसायों में लगे हुए हैं। प्रवासियों के इस बड़े हिस्से को बिहार वापस लाने के लिए उन्होंने कृषि क्षेत्र में कटाई के बाद के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने और कृषि ऋण प्रणाली में सुधार करने का सुझाव दिया। उन्होंने घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने और इस संबंध में बक्सर जैसे ऐतिहासिक स्थानों को विकसित करने की भी सिफारिश की।

दुनिया भर के कई देशों में मनाई जा रही छठ पूजा के संदर्भ में सॉफ्ट पावर पर प्रकाश डालते हुए इनोग्रेस वेंचर्स के संस्थापक भागीदार सुमंत परिमल ने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बिहारी प्रवासियों को जोड़ा जा सकता है। संक्षेप में, तकनीक के ज़रिए एक आभासी बिहार का निर्माण किया सकता है जो राज्य में निवेश लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आईजी विकास वैभव ने ब्रांड बिहार पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने ऐतिहासिक धरोहरों के समुचित प्रचार-प्रसार और सांस्कृतिक वैभव को पुनर्जागृत करने के लिए ईमानदार प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने मुंगेर के योग संस्थान के अलावा वर्तमान भागलपुर जिसे बौद्ध साहित्य में प्रथम बौद्ध नगर ‘चंपा’ के रूप में दर्शाया गया है की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को सॉफ्ट पॉवर के रूप में इस्तेमाल करना होगा।         

इस आयोजन के मुख्य उद्देश्यों के बारे में बात करते हुए जी.टी.आर.आई. के क्यूरेटर अदिति नंदन ने कहा कि नीति निर्माताओं और आम नागरिकों के बीच सार्थक संवाद सुनिश्चित करने के अलावा हमारा उद्देश्य युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे नवाचारों से परिचित करवाना व उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, विकसित बिहार के विचार में विश्वास रखने वाले बिहारी प्रवासियों को संगठित करना और रोजगार सृजन के साथ-साथ आर्थिक विकास को गति देने के लिए एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करना है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि बिहार से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा के ज़रिए अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ेंगे और विकसित बिहार का सपना साकार करने हेतु हम नए जोश के साथ आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कल माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान जी.टी.आर.आई. 5.0 को संबोधित करेंगे। कार्यक्रम के दौरान, प्रमुख नीति निर्माता, शिक्षा और उद्योग से उल्लेखनीय हस्तियां, सफल उद्यमी, स्टार्ट-अप नेता और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल थे। पहले दिन 4 सत्रों में राज्य के विकास में बिहारी प्रवासियों की महत्वपूर्ण भूमिका से लेकर स्टार्टअप इकोसिस्टम के समक्ष चुनौतियाँ और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के ज़रिए बिहार को उसका खोया गौरव लौटाने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेषज्ञों द्वारा गहन चर्चा की गई।

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