Bihar news - चुनावी-पर्व पर नीतीश सरकार ने बिहार के दैनिक मजदूरों के लिए खोला खजाना, रोजाना भत्ते में इतने रुपए की बढ़ोतरी
Bihar news - बिहार में कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है, जो श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत है। श्रम संसाधन विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके मुताबिक नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगी
Patna - बिहार में कामगारों के लिए न्यूनतम मजदूरी की दरों में एक बार फिर बढ़ोतरी की गई है, जो श्रमिकों के लिए एक बड़ी राहत है। श्रम संसाधन विभाग ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी कर दी है, जिसके मुताबिक नई दरें 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगी। इस बढ़ोतरी के बाद, अब विभिन्न श्रेणियों के मजदूरों को प्रतिदिन अधिक मजदूरी मिलेगी।
नई दरों के अनुसार, अतिकुशल (Highly Skilled) कामगारों को अब 660 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे, जो पहले की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। इसी तरह, कुशल (Skilled) मजदूरों के लिए नई दर 541 रुपये निर्धारित की गई है, जबकि अर्धकुशल (Semi-Skilled) कामगारों को 444 रुपये और अकुशल (Unskilled) मजदूरों को 428 रुपये प्रतिदिन मिलेंगे। यह वृद्धि महंगाई के असर को कम करने और श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से की गई है।
यह पहली बार नहीं है जब बिहार सरकार ने न्यूनतम मजदूरी की दरों में वृद्धि की है। यह वृद्धि नियमित अंतराल पर होती रहती है। इससे पहले, अप्रैल 2025 में भी न्यूनतम मजदूरी की दरें बढ़ाई गई थीं। उस समय, अकुशल श्रमिकों को 412 रुपये की जगह 424 रुपये मिलते थे, अर्धकुशल को 428 रुपये की जगह 440 रुपये, कुशल को 521 रुपये की जगह 536 रुपये और अतिकुशल श्रमिकों को 636 रुपये की जगह 654 रुपये प्रतिदिन दिए गए थे। यह भी एक उल्लेखनीय वृद्धि थी, जिसने श्रमिकों को लाभ पहुंचाया था।
इससे पहले अक्टूबर 2024 में भी दैनिक मजदूरी में 2 से 5 रुपये तक का इजाफा हुआ था। उस समय, अकुशल श्रमिकों को 410 रुपये की जगह 412 रुपये मिलने लगे थे, अर्धकुशल को 426 की जगह 428 रुपये, कुशल को 519 की जगह 521 रुपये और अतिकुशल को 634 की जगह 636 रुपये प्रतिदिन मिलते थे। यह बढ़ोतरी भी महंगाई भत्ते के समायोजन का हिस्सा थी।
न्यूनतम मजदूरी में यह नियमित वृद्धि यह सुनिश्चित करती है कि श्रमिकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले। यह कदम न केवल श्रमिकों की क्रय शक्ति (purchasing power) को बढ़ाता है, बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने में भी मदद करता है। यह सरकार की उन नीतियों को दर्शाता है जिनका लक्ष्य समाज के सबसे कमजोर तबके को आर्थिक रूप से सशक्त करना है। इन बढ़ी हुई दरों से राज्य के लाखों मजदूरों और उनके परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।