Bihar News: PMCH में मरीजों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़ ! अस्पताल में मौजूद नहीं है एनेस्थीसिया मशीन, जानिए सर्जरी के लिए क्यों है जरुरी...

Bihar News: पीएमसीएच में मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। अस्पताल में एनेस्थीसिया मशीन की गैरमौजूदगी डॉक्टरों के लिए परेशानी की सबब बन गई है....

अस्पताल में मौजूद नहीं है एनेस्थीसिया मशीन- फोटो : social media

Bihar News: बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। अस्पताल की ऑपरेशन थियेटरों (OT) में सर्जरी के दौरान उपयोग होने वाली अत्यावश्यक एनेस्थीसिया मशीनें नहीं हैं। न केवल मशीनों का अभाव है, बल्कि जो कुछ पुरानी मशीनें हैं वे भी ठीक से काम नहीं कर रही हैं। इसका सीधा असर मरीजों की सुरक्षा और सर्जरी की सफलता पर पड़ रहा है।

निश्चेतना विभाग ने की मांग 

इस गंभीर स्थिति को लेकर निश्चेतना विभाग (Anesthesia Department) ने अस्पताल के अधीक्षक और सभी सर्जिकल विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर तत्काल एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन उपलब्ध कराने की मांग की है। विभाग ने पत्र में साफ कहा है कि पीएमसीएच के किसी भी ऑपरेशन थियेटर में आधुनिक एनेस्थीसिया मशीन मौजूद नहीं है जबकि राज्य के अन्य मेडिकल कॉलेजों में यह सुविधा उपलब्ध है।

मरीजों की जान जोखिम में

एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. नौशाद आलम के अनुसार, सर्जरी के दौरान मरीज को बेहोश रखने और सांस नियंत्रित करने के लिए एनेस्थीसिया मशीन अत्यंत आवश्यक होती है। मशीन न केवल ऑक्सीजन और दवाओं का सटीक मिश्रण बनाती है बल्कि वेंटिलेटर की मदद से मरीज की सांसें भी नियंत्रित करती है। साथ ही यह मरीज की हृदयगति, रक्तचाप, ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड स्तर की लगातार निगरानी करती है। उन्होंने बताया कि जनरल एनेस्थीसिया के दौरान मरीज स्वयं सांस नहीं ले सकता ऐसे में मशीन की अनुपस्थिति मरीज के जीवन के लिए घातक हो सकती है।

कई बार की जा चुकी है शिकायत

निश्चेतना विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि इस समस्या को लेकर वे कई बार मौखिक और लिखित रूप से अधीक्षक को अवगत करा चुके हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र में यह भी उल्लेख है कि पूर्व में पीएमसीएच को एनेस्थीसिया मशीनें उपलब्ध कराई गई थीं, पर अब वे कहां हैं, इसकी कोई जानकारी नहीं है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सभी ऑपरेशन थियेटरों में आधुनिक एनेस्थीसिया वर्क स्टेशन स्थापित नहीं किए गए तो इससे न केवल मरीजों की जान खतरे में रहेगी बल्कि डॉक्टरों की जिम्मेदारी भी अनावश्यक रूप से बढ़ जाएगी।

प्रशासन से नहीं मिला जवाब

इस विषय में पीएमसीएच अधीक्षक डॉ. आईएएस ठाकुर से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने न तो फोन कॉल रिसीव किया और न ही व्हाट्सएप संदेश का उत्तर दिया। स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और सरकार को तत्काल हस्तक्षेप कर पीएमसीएच में मॉडर्न एनेस्थीसिया सिस्टम की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में इलाज के नाम पर कोई समझौता न हो।