Vande Bharat Express: पटना पहुंची 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस, इस रुट पर इस दिन से दौड़ेगी ट्रेन, रेलवे ने दिया बड़ा तोहफा

Vande Bharat Express: रेलवे ने बिहार के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। पटना से इन राज्यों के लिए अब 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस चलेगी जो बिहार के 15 जिलों से होकर गुजरेगी। पढ़िए आगे..

Vande Bharat Express
Vande Bharat Express with 16 coaches- फोटो : social media

Vande Bharat Express: भारतीय  रेलवे ने पटना से हावड़ा और लखनऊ तक की यात्रा करने वाले यात्रियों को  बड़ी राहत दी है। पटना से हावड़ा और लखनऊ के बीच ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह अच्छी खबर मानी जा रही है। दरअसल, भारतीय रेलवे ने इन रूटों पर 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का फैसला किया है। यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन की कोच संख्या को दोगुना करने का निर्णय लिया है।

पहले फेज में पटना-लखनऊ वंदे भारत में होगा बदलाव

रेलवे के पहले चरण में पटना से लखनऊ (गोमती नगर) के बीच चलने वाली 22345/22346 वंदे भारत एक्सप्रेस की रैक में बदलाव किया जाएगा। बता दें कि, पटना-लखनऊ और पटना-हावड़ा रूट पर वंदे भारत ट्रेनों में यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही थी, जिससे कई यात्रियों को आरक्षण नहीं मिल पा रहा था। इस समस्या को हल करने के लिए रेलवे ने इन दोनों रूटों पर 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने का निर्णय लिया है, जिससे यात्रियों को ज्यादा सीटें उपलब्ध हो सकेंगी और सफर अधिक सुविधाजनक हो जाएगा।

पटना पहुंची 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस

जानकारी के अनुसार, पटना-लखनऊ रूट पर चलने वाली 16 बोगियों वाली वंदे भारत एक्सप्रेस राजधानी पटना पहुंच चुकी है। वहीं, पटना-हावड़ा वंदे भारत की नई रैक जल्द ही पटना पहुंचेगी। ट्रायल पूरा होने के बाद इसका परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। नई रैक के संचालन के बाद, आठ बोगियों वाली पुरानी रैक को चेन्नई भेज दिया जाएगा।

बिहार के 15 जिलों से गुजर रही हैं वंदे भारत ट्रेनें

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जानकारी दी कि वर्तमान में बिहार के 15 जिलों से 12 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं या गुजर रही हैं। पटना-लखनऊ वंदे भारत का परिचालन12 मार्च 2023 से शुरू हुआ था। जबकि पटना-हावड़ा वंदे भारत की शुरुआत 24 दिसंबर 2023 से हुई थी। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए यह फैसला लिया है। 

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