Bihar Crime:सड़क निर्माण को लेकर बवाल, निजी ज़मीन पर जेसीबी, झोपड़ी उजाड़ी, लाठी-डंडा चला, पुलिस से भी धक्का-मुक्की
Bihar Crime: निजी जमीन पर जबरन सड़क निर्माण के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आ गए। मामला इतना बिगड़ा कि लाठी-डंडे चल गए, झोपड़ी उजाड़ दी गई, कई लोग घायल हुए और पुलिस तक से बदसलूकी की गई।...

Bihar Crime:मुजफ्फरपुर के बंदरा प्रखंड के पियर थाना क्षेत्र के रामपुर दयाल गांव वार्ड संख्या 11 में सोमवार को हालात तब बेकाबू हो गए जब निजी ज़मीन पर जबरन सड़क निर्माण के दौरान दो पक्ष आमने-सामने आ गए। मामला इतना बिगड़ा कि लाठी-डंडे चल गए, झोपड़ी उजाड़ दी गई, कई लोग घायल हुए और पुलिस तक से बदसलूकी की गई।
जानकारी के मुताबिक, रामपुर दयाल निवासी सच्चितानंद ठाकुर की निजी ज़मीन पर कुछ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के सहयोग से एक पक्ष सड़क निर्माण का काम शुरू कर दिया। विरोध करने पर भी काम नहीं रुका, बल्कि ज़मीन पर बनी झोपड़ी को लाठी-डंडे के बल पर गिरा दिया गया। इससे माहौल गरमा गया और दोनों पक्षों में जोरदार बहस, फिर हाथापाई और मारपीट शुरू हो गई।
घटना की खबर पाकर पियर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत कराने की कोशिश की, लेकिन सड़क निर्माण कराने वाले पक्ष के कुछ लोगों ने पुलिस के साथ भी अभद्र व्यवहार किया। स्थिति को काबू में लाने के लिए पियर थाना प्रभारी ने अतिरिक्त फोर्स बुलवाई। कई थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जबरन कराए जा रहे निर्माण कार्य को रोका और हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाया।
इस दौरान कई लोग चोटिल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल पक्षों में महिलाएं भी शामिल होने की बात सामने आई है। पुलिस के अनुसार, मौके पर तनाव का माहौल था लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।
पीड़ित सच्चितानंद ठाकुर ने पियर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि उनकी निजी ज़मीन पर अवैध रूप से सड़क बनाने की कोशिश की गई, झोपड़ी तोड़ दी गई और विरोध करने पर उनके परिवार के साथ मारपीट की गई।पियर थाना प्रभारी ने बताया, “आवेदन प्राप्त हुआ है, मामले की जांच की जा रही है। विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज होगी।”
गांव में फिलहाल पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि फिर से कोई बवाल न भड़क सके। लेकिन यह घटना एक बार फिर यह सवाल छोड़ जाती है कि जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में निजी संपत्ति पर ‘विकास’ के नाम पर कब तक ज़बरदस्ती और लाठी-डंडे का खेल चलता रहेगा।
रिपोर्ट- मणिभूषण ठाकुर