Bihar Politics: नीतीश सरकार को गिराने के लिए विधायकों को खरीदने की हुई कोशिश ! EOU ने जुटाए रिश्वत के सबूत, इन MLA पर गिरेगी गाज !
Bihar politics: नीतीश ने तब बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई और रिकॉर्ड 9वीं बार शपथ ग्रहण की। वहीं नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए की नई सरकार का विधानसभा में फ्लोर टेस्ट 12 फरवरी को हुआ। इस फ्लोर टेस्ट में सीएम नीतीश पास भी हुए। लेकिन उस दौरान सीएम नीतीश की सरकार को गिराने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी।
नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट में पास ना हो सके इसके लिए उनके खिलाफ बड़ी साजिश की गई थी। ये बात आर्थिक अपराध इकाई की जांच में सामने आई है। मिली जानकारी के अनुसार EOU की जांच में हॉर्स ट्रेडिंग के लिए रुपयों के लेन-देन के सबूत मिले हैं। ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने खुद इस बात को माना है। जांच एजेंसी के अनुसार, फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में रह रहे लोगों के माध्यम से NDA के कई विधायकों को खरीद फरोख्त करने की कोशिश गई थी।
कुछ विधायकों ने एडवांस के रूप में कुछ रुपए भी लिए थे इस बात के भी सबूत मिले हैं। सरकार गिरने के बाद बाकी रुपए इन्हें हवाला के जरिए मिलने वाले थे। यह दूसरे राज्यों के लोगों के माध्यम से विधायकों को दिए जाते। हॉर्स ट्रेडिंग के इस मामले में नया अपडेट यह है कि इसमें ED की एंट्री हो गई है। दरअसल, इस पूरे प्रकरण में जिस तरह के फाइनेंशियल ट्रेड सामने आए है, वो सीधे तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दिख रहा है।
इसके बाद EOU ने ED को इस बारे में एक लेटर लिखा था। इसके बाद से ED की टीम इस मामले की जांच में जुट गई है। केंद्रीय एजेंसी अब इस मामले में अपने स्तर से सबूत जुटाने में जुटी है। जबकि, आपराधिक मामले की जांच EOU कर रही है। अब तक कई लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। DIG के अनुसार आपराधिक मामले पर आगे की जांच अब भी जारी है।
गौरतलब हो कि सीएम नीतीश के साथ 243 सदस्यीय विधानसभा में 130 विधायक थे। सीएम के पास बहुमत के आंकड़ों से 8 विधायक अधिक थे। वहीं 79 पार्टी के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी रही। लेकिन राजद के 3 विधायक सत्ता पक्ष की ओर आ गए। जिसमें चेतन आनंद, नीलन देवी और प्रहलाद यादव शामिल थे। विपक्ष ने नीतीश सरकार को गिराने की पूरी कोशिश की थी लेकिन केंद्र की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने बिहार में खेला नहीं होने दिया और नीतीश सरकार फ्लोर टेस्ट पास कर ली। फिलहाल विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले में जांच एजेंसी जांच कर रही है।