Bihar Politics: महागठबंधन में सीटों पर महाभारत, बिहार में 70 सीटों पर कांग्रेस ने ठोका दावा, वामपंथी दल भी दंगल के मूड में
बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव आयोजित होने वाले हैं।महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है।
Bihar Politics: बिहार में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव आयोजित होने वाले हैं।महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और राजद के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा पेश किया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष और राजद नेता तेजस्वी यादव ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जो स्वयं सीटें निर्धारित नहीं कर पाते, उनकी बात करना निरर्थक है।
सासाराम संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस सांसद मनोज कुमार ने बिहार में 70 सीटों पर चुनावी दावेदारी पेश की है। कैमूर में उन्होंने कहा कि 'पिछली बार हमने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इस बार भी हम उतनी ही सीटों पर लड़ेंगे। हमारी तैयारी 243 सीटों पर चल रही है। 243 सीटों पर हमारा संगठन सक्रिय है। मैं सासाराम से सांसद हूं और मेरे अनुभव के अनुसार, कांग्रेस पार्टी के पास सभी जातियों, धर्मों और संप्रदायों का समर्थन है।' यह बयान ऐसे समय में आया है जब लालू प्रसाद यादव बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सक्रियता दिखा रहे हैं।
बता दें आम चुनावों में कांग्रेस ने नौ सीटों पर चुनाव लड़ा और केवल तीन सीटें जीतीं, जबकि राजद ने 23 उम्मीदवार मैदान में उतारे, लेकिन उसे केवल चार सीटों पर विजय प्राप्त हुई। इस संदर्भ में कांग्रेस अपने प्रदर्शन को राजद से बेहतर मान रही है। आलम के आक्रामक रुख के कारण तेजस्वी यादव के पिता और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद नाराज नजर आए और उन्होंने 'इंडिया' गठबंधन के नेतृत्व के दावे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन किया। लालू के इस बयान को कांग्रेस और राजद के बीच मतभेद के रूप में देखा गया। आलम अपने रुख पर अडिग रहे, जबकि राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "ऐसे बयान गठबंधन की नैतिकता का उल्लंघन करते हैं। कांग्रेस को ऐसे बेताब बयानबाजों पर नियंत्रण लगाना चाहिए।
वहीं बिहार में सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ विवाद के बीच, कांग्रेस के नेता शहनवाज आलम ने कहा था कि उनकी पार्टी चाहती है कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने पर दो उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए जाएं, जिनमें से एक मुसलमान होना चाहिए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के सचिव और राज्य के सह पार्टी प्रभारी आलम के इस बयान पर राजद ने विरोध जताया था।
उधर वामपंथी दलों ने भी साठ सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने का दावा किया है। कांग्रेस और वाम दलों की मांग से राजद का टेंशन बढ़ता हुआ दिख रहा है।
रिपोर्ट- रितिक कुमार