Bihar News : बिहार में 43 वर्षों के बाद पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन का होगा आयोजन, अलग अलग राज्यों के 264 अतिथि होंगे शामिल

Bihar News : बिहार में 43 वर्षों के बाद पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन का आयोजन किया जायेगा. जिसमें अलग अलग राज्यों के 264 अतिथि शामिल होंगे. विधान मंडल की ओर से इसकी तैयारी तेज कर दी गयी है...पढ़िए आगे

Bihar News : बिहार में 43 वर्षों के बाद पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन का होगा आयोजन, अलग अलग राज्यों के 264 अतिथि होंगे शामिल
पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन का आयोजन- फोटो : VANDANA

PATNA : बिहार में तीसरी बार पीठासीन पदाधिकारी सम्मेलन का 20 और 21 जनवरी को किया जायेगा। विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इसके पहले 1964, 1982 में बिहार में सम्मेलन हो चुका है। यह 85 वां सम्मेलन होगा। सम्मेलन में 264 अतिथि शामिल होंगे। इनमें 54 पीठासीन अधिकारी होंगे। जबकि लोकसभा के 60 और राज्यसभा 07 अधिकारी शामिल होंगे। लोकसभा की ओर से सम्मेलन का विषय तय किया गया है-संविधान की 75 वीं वर्षगांठ : संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाये रखने में संसद एवं राज्य विधान मंडलों का योगदान। 

वहीँ विधान परिषद् के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा की बिहार विधायिका के द्वारा एक बहुत बड़ा आयोजन किया जा रहा है। अगले 20 एवं 21 जनवरी को सभी राज्यों के विधान सभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष जहाँ परिषद है. उन राज्यों के सभापति, उप सभापति, केन्द्रशासित प्रदेश के जिन्हें राज्य का दर्जा है वहाँ के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों का सम्मेलन हो रहा है। इसे संसदीय प्रणाली में "अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन" कहा जाता है। कहा की संविधान में संसद या राज्य विधान मंडल को अपने-अपने सदन के संचालन की प्रक्रिया बनाने का अधिकार प्राप्त है। इसके तहत सभी विधायी निकायों ने अपना-अपना कार्य संचालन नियमावली बनाया है। मोटे तौर पर यह समान स्वरूप में है। परन्तु संसद सहित कई राज्यों में कुछ प्रक्रिया एवं नियम अलग-अलग भी हैं। संसदीय प्रणाली में यह परम्परा रही है कि सभी निकाय एक दूसरे के सम्पर्क में रहें, एक दूसरे की प्रक्रियाओं का अध्ययन करें और एक दूसरे की प्रक्रियाओं को जो सहज रूप में स्वीकार्य हों, उसे अपनाएं। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए यह सम्मेलन अखिल भारतीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष किसी-न-किसी राज्य में होता रहा है। इस बार यह मौका बिहार को मिला है। यह मौका लगभग 43 वर्षों के बाद मिला है। इसके पहले यह 1982 में बिहार हुआ था। आपको मैं यह जानकारी देना चाहता हूँ कि यह बिहार में तीसरा सम्मेलन होगा। सबसे पहले दिनांक 6 एवं 7 जनवरी, 1964 को पीठासीन अधिकारियों का पहला सम्मेलन बिहार विधान सभा में हुआ था। उस समय स्व० लक्ष्मी नारायण सुधांशु, विधान सभा के अध्यक्ष थे। उसके बाद 1982 में और अब 2025 में यह हो रहा है।

कहा की पीठासीन अधिकारियों के इस सम्मेलन के आयोजन का इतिहास काफी पुराना है। यह पहली दफा यह सन 1921 को शिमला में आयोजित हुआ था। उस वक्त आज की संसद सेन्ट्रल लेजिस्लेटिव एसेम्बली के रूप में थी। अलग-अलग प्रोभिन्स में विधायी निकाय भी थे। वर्षों तक यह नियमित अन्तराल पर नहीं हुए इसलिए अभी जो यह पटना में होने वाला है। उसकी संख्या 85वाँ (पचासिवों) 84वाँ सम्मेलन मुम्बई में हुआ था । है। इसके पहले यह सम्मेलन लोक सभा और होस्ट राज्य के संयुक्त तत्वाधान में होता है। लोक सभा अध्यक्ष इस सम्मेलन के पदेन सभापति होते हैं। इस सम्मेलन में राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश जी भी रहेंगे। इस सम्मेलन के दो सत्र होते हैं। आरम्भिक सत्र एवं विमर्श सत्र । आरम्भिक सत्र में आप प्रेस बन्धु आमन्त्रित रहेंगे। परन्तु विमर्श सत्र में सिर्फ पीठासीन अधिकारी ही रहते हैं। यह असार्वजनिक होता है। इस बार इस सम्मेलन का आरम्भिक सत्र 20 जनवरी के पूर्वा० में होगा। यह विस्तारित भवन के सेन्ट्रल हॉल में होगा। विस्तारित भवन के पोर्टिको के दक्षिण भाग में ग्रुप फोटोग्राफी होगी। दिन के 12 बजे से डेढ बजे तक आरम्भिक सत्र होगा तत्पश्चात लंच और फिर ढाई बजे से विमर्श सत्र शुरू होगा। विमर्श सत्र में विमर्श का विषय काफी सामयिक है। हमलोग संविधान की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इसलिए विषय जो लोक सभा द्वारा निर्धारित किया गया है वह है- "संविधान की 75वीं वर्षगांठ संवैधानिक मूल्यों को सशक्त बनाये रखने में संसद एवं राज्य विधान मंडलों का योगदान। ."

सम्मेलन की तैयारियों को लेकर अवधेश नारायण सिंह ने बताया की इसके लिए सभा सचिवालय पूरे मनोयोग से कार्य कर रहा है। बारह अलग अलग कोषांग बनाए गए हैं। हमारे डायरेक्टर और उप सचिव उसके प्रभारी है! सारा कार्यक्रम इसी विधान मंडल परिसर में होना है। आरंभिक सत्र सेन्ट्रल हॉल में होगा और विमर्श सत्र सभा वेश्म में होगा। अतिथियों के लिए लंच, डिनर और सांस्कृतिक कार्यक्रम की व्यवस्था मुख्य भवन के सामने वाले गार्डन में होगा। यहां मुख्य भवन और विस्तारित भवन के बीच में जो स्थान है वहां लोक सभा के द्वारा एक प्रदर्शनी लगायी जाएगी। इसमें संसदीय प्रणाली, अब तक के आयोजन एवं सभी राज्यों के विधान सभा, विधान परिषद के चित्र, वहां के पीठासीन अधिकारी एवं महत्वपूर्ण घटनाओं का चित्र रहेगा। अब तक कुल अतिथियों की सूचना प्राप्त हुई हैं। इसमें पीठासीन अधिकारी 54 (महिला-06), 264 सदस्य (असम से 02 एवं राजस्थान से 01), सचिव 31 (महिला-05), स्पाउज 34 (पुरुष-04), 108 एकॉम्पेनिंग ऑफिसर, लोक सभा 60 (ऑफिसियल), राज्यसभा - 07 (ऑफिसियल),  अभी तक 145 गाड़ियों को आने वाले अतिथियों के लिए आवंटित कर दिया गया है। कुल 286 गाड़ियां होल्ड पर है। अभी तक 227 कमरे आने वाले अतिथियों को आवंटित कर दिया गया है। कुल 261 कमरे होल्ड पर हैं। 

वंदना की रिपोर्ट

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