Bihar Politics: CM नीतीश की नजर पर चढ़े तो सीन से हीं गायब हो गए टोपी वाले नेता जी, अब हो रहा उपचुनाव, उनका क्या होगा...
Bihar Politics: राजद MLC की बर्खास्तगी के बाद अब खाली सीट पर मतदान होना है। चुनाव आयोग ने वोटिंग की तिथि तय कर दी है। राजद एमएलसी पर इस मामले में कार्रवाई हुई थी।
Bihar Politics: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भिड़ना राजद एमएलसी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के भाई को महंगा पड़ा। नेता जी को पहले बर्खास्त किया गया और अब खाली सीट पर उपचुनाव की तिथि भी तय कर दी गई है। जानकारी अनुसार आरजेडी एमएलसी की बर्खास्तगी के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव की तारीख की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है।
चुनाव आयोग ने जारी किया अधिसूचना
जारी अधिसूचना के अनुसार खाली सीट के लिए मतदान की प्रक्रिया 23 जनवरी 2025 को होगा। और इसी दिन वोटिंग भी होगी। देर शाम तक उपचुनाव का रिजल्ट भी सामने आ जाएगा। नामांकन की प्रक्रिया 6 जनवरी 2025 से शुरु हो जाएगी। जबकि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी 2025 है। नामांकन की जांच 14 जनवरी 2025 को होगी, और नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 जनवरी 2025 तय की गई है।
खाली सीट पर 23 जनवरी को होगा मतदान
23 जनवरी 2025 को मतदान सुबह 9:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक होगा। मतदान के बाद मतगणना 23 जनवरी 2025 को ही शुरू होगी। रिजल्ट के बाद तय होगा कि खाली सीट पर नए एमएलसी कौन होंगे। बता दें कि, राजद एमएलसी सुनील सिंह आए दिन सीएम नीतीश को लेकर विवादित बयान देते थे। वहीं उन्होंने 12 फरवरी 2024 को राज्यपास के अभिभाषण पर वाद-विवाद के क्रम में मुख्यमंत्री की मिमिक्री की थी इस मामले में कार्रवाई हुई।
क्यों गई थी सदस्यता
गौरतलब है कि आरजेडी एमएलसी सुनील सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कई बार विवादित टिप्पणियां की थीं। सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर उन्होंने मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी और मिमिक्री की थी। बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस के दौरान नीतीश कुमार के साथ दुर्व्यवहार का मामला भी जुड़ा। इस मुद्दे ने राजनीतिक विवाद का बड़ा रूप ले लिया था।
कोर्ट का खटखटाया दरवाजा
इसके बाद विधान परिषद के सभापति ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुनील सिंह पर लगे आरोप सही पाए, जिसके आधार पर उपसभापति रामवचन राय ने उनकी सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव पेश किया। आचार समिति की अनुशंसा पर सुनील सिंह की सदस्यता रद्द कर दी गई। अब इस खाली सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है। वहीं इस मामले के खिलाफ सुनील सिंह ने कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन अब तक उन्हें कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है।