Bihar Purnia: चाची के प्यार में दिवाना हुआ भतीजा! कोर्ट तक पहुंचा मामला, सुनवाई के बाद हुआ कुछ ऐसा की देखते रह गए आस-पास खड़े लोग
पूर्णिया में 22 वर्षीय युवक का चाची से प्रेम-प्रसंग विवादों में घिर गया। कोर्ट में शादी के निर्णय के बाद वकीलों के बीच मारपीट हुई। पुलिस ने युवक को हिरासत में लिया।

Bihar Purnia: पूर्णिया जिले में एक असामान्य घटना सामने आई है, जहां 22 साल के युवक मोहम्मद बेलाल का अपनी चाची बीबी रोहिडा से प्रेम-प्रसंग चलने लगा। चाची दो बच्चों की मां हैं, लेकिन दोनों ने इन सामाजिक बंधनों को दरकिनार करते हुए शादी करने का फैसला किया।
प्रेम-प्रसंग और शादी का फैसला
मोहम्मद बेलाल, जो अररिया जिले के जोकीहाट थाना क्षेत्र के लोखारिया गांव का निवासी है, अपनी चाची बीबी रोहिडा से गहरे प्रेम में पड़ गया। दोनों छिप-छिपकर मिलने लगे और दो महीने पहले ही बेलाल ने चाची से अपने प्रेम का इजहार किया। चाची ने भी उसके प्रेम को स्वीकार कर लिया, जिसके बाद दोनों ने शादी का निर्णय लिया। इस फैसले को अमल में लाने के लिए दोनों पूर्णिया के व्यवहार न्यायालय पहुंचे, जहां वे वकीलों से शादी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए बातचीत कर रहे थे।
कोर्ट परिसर में वकीलों के बीच विवाद
जब यह मामला कोर्ट में पहुंचा, तो कुछ वकीलों ने इस प्रेम संबंध और शादी के खिलाफ विरोध जताया। विरोध के बाद वकीलों के दो गुटों में मतभेद हो गया, जिससे कोर्ट परिसर में तनाव उत्पन्न हो गया। एक गुट का कहना था कि व्यक्ति को अपने फैसले लेने की स्वतंत्रता होनी चाहिए, जबकि दूसरे गुट ने इस रिश्ते को सामाजिक मूल्यों के खिलाफ बताया। इस विवाद ने हाथापाई का रूप ले लिया, जिससे कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
पुलिस हस्तक्षेप और युवक की हिरासत
विवाद बढ़ता देख के हाट थाना पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और मामला शांत कराया गया। पुलिस ने युवक मोहम्मद बेलाल को हिरासत में ले लिया और थाना लेकर चली गई। के हाट थाना प्रभारी प्रिया कुमारी ने बताया कि युवक से पूछताछ की जा रही है। अभी तक कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई है। जैसे ही कोई आवेदन प्राप्त होगा, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सामाजिक और नैतिक मुद्दे
यह मामला न केवल एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि समाज में पारंपरिक मूल्यों और नैतिकता के खिलाफ उठते सवालों को भी उजागर करता है। रिश्तों की इस जटिलता ने समाज में बहस छेड़ दी है, जहां एक तरफ स्वतंत्रता और व्यक्तिगत निर्णय की बात हो रही है, वहीं दूसरी तरफ पारिवारिक और सामाजिक बंधनों की रक्षा की मांग उठ रही है।