Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : पूर्णिया के अमौर सीट पर JDU का 'टिकट ड्रामा' खत्म, मोहम्मद साबिर अली या सबा जफर, जानिए किस्नके नाम पर लगी मुहर
PURNEA : पूर्णिया के अमौर विधानसभा क्षेत्र में जनता दल यूनाइटेड (JDU) के टिकट को लेकर पिछले 24 घंटों से चल रही गहन उठापटक आखिरकार शांत हो गई है। पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद साबिर अली ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर यह स्पष्ट किया है कि अमौर सीट से जदयू के अधिकृत उम्मीदवार सबा जफर ही बने रहेंगे। सबा जफर पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके थे, जिसके बाद साबिर अली को टिकट दिए जाने और उन्हें पार्टी का सिंबल सौंपे जाने की खबरें आने से यह पूरा मामला किसी राजनीतिक थ्रिलर जैसा बन गया था।
साबिर अली को सिंबल दिए जाने की खबरों से पैदा हुआ था भ्रम
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब शनिवार को खबर आई कि जदयू ने सबा जफर का टिकट काटकर साबिर अली को अमौर से उम्मीदवार बना दिया है। साबिर अली, जो हाल ही में जदयू में लौटे थे और 11 साल तक पार्टी से निष्कासित थे, उन्हें सिंबल दिए जाने की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं थीं। इन खबरों ने न केवल पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच बल्कि पूरे पूर्णिया क्षेत्र के मतदाताओं के बीच गहरी भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी। कई मीडिया रिपोर्ट्स ने भी साबिर अली के नाम को अंतिम मान लिया था, जिससे यह माना जा रहा था कि नामांकन के बाद भी उम्मीदवार को बदलने का एक अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है।
तेजी से बदला समीकरण: प्रेस कॉन्फ्रेंस में भ्रम किया दूर
राजनीतिक घटनाक्रम में एक बार फिर तेजी से बदलाव आया। रविवार को, स्वयं मोहम्मद साबिर अली सामने आए और उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके तमाम अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अमौर से जदयू के उम्मीदवार सबा जफर हैं। साबिर अली ने स्वीकार किया कि पार्टी के सोशल मीडिया हैंडल पर या किसी अन्य माध्यम से जो भ्रम की स्थिति बनी, वह किसी आंतरिक गफलत या कंफ्यूजन का परिणाम हो सकती है, लेकिन अब सभी शंकाएं दूर कर ली गई हैं।
पार्टी की अंदरूनी सहमति और एकजुटता का संदेश
साबिर अली ने अपने बयान में पार्टी नेतृत्व और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रति अपनी निष्ठा दोहराई। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य पार्टी के निर्देशों का पालन करना और अमौर में जदयू उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करना है। इस घटनाक्रम ने जदयू के शीर्ष नेतृत्व पर भी दबाव बना दिया था कि वह जल्द से जल्द स्थिति साफ करे। साबिर अली का यह स्पष्टीकरण न केवल सबा जफर की उम्मीदवारी पर मुहर लगाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पार्टी ने अंततः आपसी सहमति से इस विवाद को सुलझा लिया है और अब एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगी।
अमौर में मुकाबला स्पष्ट: जदयू के सबा जफर बनाम AIMIM के अख्तरुल ईमान
इस 'टिकट ड्रामा' के खत्म होने के बाद अब अमौर विधानसभा सीट पर चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। 2020 के पिछले चुनाव में भी इस सीट पर सबा जफर (JDU) दूसरे स्थान पर रहे थे, जिन्हें AIMIM के अख्तरुल ईमान ने हराया था। साबिर अली के मैदान से हटने के बाद अब मुकाबला एक बार फिर मुख्य रूप से जदयू के सबा जफर और एआईएमआईएम के मौजूदा विधायक अख्तरुल ईमान के बीच ही होगा। इस सीट पर मुस्लिम बहुल आबादी और एआईएमआईएम की मजबूत पकड़ को देखते हुए, जदयू के लिए यह राहत की बात है कि उम्मीदवार को लेकर बना आंतरिक विवाद अब समाप्त हो गया है।
पूर्णिया से अंकित की रिपोर्ट