तेजस्वी ने नीतीश को सीमांचल में दिया झटका, पूर्णिया के पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा आये राजद में, पप्पू -लेशी की बढ़ेगी मुश्किल
Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश को एक और बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। पूर्णिया के पूर्व सांसद और JDU के वरिष्ठ नेता संतोष कुशवाहा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. वे तेजस्वी यादव की मौजूदगी में राजद में शामिल हो गए. इसे सीमांचल के इलाके में नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ा झटका माना जा रहा है. सूत्रों की मानें तो संतोष कुशवाहा लेशी सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं। लेशी सिंह फिलहाल धमदाहा से विधायक हैं और एक फिर जदयू की टिकट पर उन्हें धमदाहा से टिकट मिलना तय है। ऐसे में संतोष कुशवाहा राजद की टिकट से धमदाहा से लेशी सिंह के खिलाफ मैदान में उतरेंगे।
संतोष कुशवाहा के राजद में आने से तेजस्वी यादव ने एक साथ कई मोर्चों पर बड़ी रणनीति सेट की है. एक ओर जहां लेशी सिंह के खिलाफ अब संतोष कुशवाहा उन्हें चुनाव मैदान में घेरते नजर आएंगे वहीं दूसरी ओर पप्पू यादव को भी तेजस्वी घेरेंगे. दरअसल, संतोष कुशवाहा को हराकर ही पप्पू यादव ने निर्दलीय लोकसभा का चुनाव जीता था. संतोष ने वर्ष 2014 और 2019 में दो बार लोकसभा का चुनाव जीता था. पप्पू यादव की लगातार मजबूत होती जमीन को पूर्णिया में कमजोर करने के लिए भी संतोष कुशवाहा को साथ लेकर तेजस्वी यादव बड़ा सियासी खेला करने की तैयारी में दिख रहे हैं.
भूमिहार नेता का मिला साथ
पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के बेटे और पूर्व विधायक राहुल शर्मा आज जेडीयू छोड़कर आरजेडी में शामिल हो गए. वे भूमिहार जाति से आते हैं. इसे मगध राजनीति में इसे बड़ा उलटफेर माना जा रहा है क्योंकि तेजस्वी इसी बहाने न सिर्फ मगध में बल्कि भूमिहार बहुल कई सीट पर बड़ा असर डालेंगे. जगदीश शर्मा मगध क्षेत्र में भूमिहार समाज के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और इस समाज पर उनकी अच्छी पकड़ है. अब उनके बेटे के रादज में आने से राजद को मगध में बड़ा फायदा होना तय माना जा रह है. वहीं नीतीश कुमार को बड़ा झटका है.
बांका सांसद गिरधारी के बेटे भी अलग
बांका से जेडीयू सांसद गिरधारी यादव के बेटे चाणक्य प्रकाश RJD में शामिल हो गए. यह तेजस्वी यादव की बड़ी सियासी उपलब्धि मानी जा रही है. वे नीतीश कुमार के घर में सेंधमारी करने में सफल रहे. चाणक्य प्रकाश के पिता गिरधारी यादव को नीतीश कुमार के पसंदीदा सासंदों में गिना जाता है. लेकिन उनके लिए बड़ा झटका है कि उनके सांसद का बेटा ही जदयू छोड़ चुका है. वे बांका से ही राजद के प्रत्याशी हो सकते हैं.