सहरसा जेल में खूनी खेल: थाली बनी हथियार, कैदी ने खुद रेता गला या हुई हत्या?
सहरसा मंडल कारा में विचाराधीन कैदी सुनील साह की संदिग्ध हालात में मौत हो गई. जेल प्रशासन ने थाली से गला रेतकर आत्महत्या की बात कही है, जबकि परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया. सीसीटीवी में स्पष्ट दृश्य नहीं मिले. मामले की जांच जारी
बिहार के सहरसा मंडल कारा में एक विचाराधीन कैदी सुनील साह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। मृतक कैदी बिहरा थाना क्षेत्र के बारा लालगंज का निवासी था और मार्च 2024 से पोक्सो एक्ट (दुष्कर्म के आरोप) के तहत जेल में बंद था। रविवार देर शाम हुई इस घटना के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में बंदी को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
जेल प्रशासन का दावा:थाली से रेता अपना गला
जेल प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सुनील साह ने खाना खाने वाली स्टील की थाली को दो टुकड़ों में तोड़कर उसे धारदार हथियार बनाया और उससे अपना गला रेत लिया। प्रशासन ने सीसीटीवी फुटेज और घटनास्थल से बरामद खून से लथपथ थाली के टुकड़े के आधार पर इसे आत्महत्या बताया है। पुलिस बल और फॉरेंसिक टीम ने शव का निरीक्षण किया, जिसमें गले पर गहरे कटे हुए निशान पाए गए हैं।
सीसीटीवी फुटेज में धुंधली है तस्वीर
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जेल अधीक्षक निरंजन पंडित ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में बंदी बेहोश होकर गिरता हुआ तो नजर आ रहा है, लेकिन फुटेज में उसे खुद का गला काटते हुए स्पष्ट रूप से नहीं देखा गया है। अधीक्षक ने स्वयं इस मामले को संदेहास्पद बताते हुए कहा है कि घटना की गहराई से जांच की जा रही है ताकि स्थिति पूरी तरह साफ हो सके।
परिजनों का गंभीर आरोप: 'ये मर्डर है'
दूसरी ओर, मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन के दावों को सिरे से खारिज करते हुए इसे हत्या करार दिया है। मृतक की मां का आरोप है कि जेल के अंदर सुनील को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। सुनील के भाई ने बताया कि महज तीन दिन पहले ही मां उससे मिलकर आई थी और तब वह बिल्कुल ठीक था। परिजनों का कहना है कि उसे पड़ोसियों ने झूठे आरोप में फंसाया था और अब जेल के भीतर उसकी हत्या कर इसे आत्महत्या का रूप दिया जा रहा है।
जांच के घेरे में जेल की सुरक्षा व्यवस्था
इस घटना ने मंडल कारा की सुरक्षा और निगरानी पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या एक स्टील की थाली से गला रेतकर जान लेना संभव है और उस वक्त सुरक्षा प्रहरी कहाँ थे? फिलहाल जिला प्रशासन और फॉरेंसिक टीम मामले की वैज्ञानिक तरीके से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विस्तृत जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि यह सिस्टम की विफलता से हुई आत्महत्या है या कोई सोची-समझी साजिश।