Bihar news: बठिंडा कैंट से पाकिस्तानी हुस्न के नशे का शौकीन जासूस का धराया, बिहार के इस जिले का निकला ISI का एजेंट, इस तरह उजागर हुई साजिश!"
Bihar news:पुलिस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान आरोपी के बिहार से संबंधों का भी पता चला है।...

Bihar news:पंजाब के बठिंडा सैन्य छावनी में 29 अप्रैल 2025 को एक सनसनीखेज जासूसी मामले में बिहार के समस्तीपुर जिले के 26 वर्षीय सुनील कुमार को गिरफ्तार किया गया। सुनील, जो पेशे से मोची है और पिछले कई वर्षों से बठिंडा छावनी के पास बेअंत नगर में रह रहा था, पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने का आरोप है। इस गिरफ्तारी ने न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है, बल्कि बिहार से एक और जासूसी कनेक्शन की ओर भी इशारा किया है।बठिंडा कैंट पुलिस को खुफिया सूचना मिली थी कि सुनील कुमार के मोबाइल फोन में कुछ संदिग्ध सामग्री मौजूद है, जिसमें एक पाकिस्तानी महिला के साथ व्हाट्सएप चैट शामिल हैं। जांच में पता चला कि सुनील एक पाकिस्तानी हैंडलर, संभवतः ISI की एक महिला एजेंट, के संपर्क में था, जो उसे हनीट्रैप के जरिए संवेदनशील जानकारी हासिल करने के लिए उकसा रही थी। पुलिस ने सुनील को गुप्त स्थान पर हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की, और प्रारंभिक जांच में उसके फोन से संदिग्ध चैट और सामग्री बरामद की गई।
बठिंडा के एसपी (सिटी) नरिंदर सिंह ने बताया कि सुनील के खिलाफ कैंट पुलिस स्टेशन में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 (Official Secrets Act) और भारतीय दंड संहिता की धारा 124A (राजद्रोह) के तहत मामला दर्ज किया गया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि सुनील ने वास्तव में पाकिस्तान को बठिंडा सैन्य अड्डे से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी भेजी थी या नहीं।सुनील कुमार का बिहार के समस्तीपुर जिले से ताल्लुक है, जो पहले भी जासूसी के मामलों में सुर्खियों में रहा है। 2023 में, कोलकाता पुलिस ने दरभंगा के 36 वर्षीय एक व्यक्ति को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उस व्यक्ति के पास से संवेदनशील दस्तावेज, तस्वीरें, वीडियो और पाकिस्तानी खुफिया एजेंट के साथ ऑनलाइन चैट बरामद किए गए थे।
सुनील का मामला बिहार से जुड़े जासूसी मामलों की एक और कड़ी को उजागर करता है। समस्तीपुर और दरभंगा जैसे क्षेत्रों से कई लोग रोजगार की तलाश में देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से सैन्य क्षेत्रों के आसपास, प्रवास करते हैं। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ISI ऐसी कम पढ़ी-लिखी और आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले लोगों को निशाना बनाती है, जिन्हें हनीट्रैप या पैसे के लालच में आसानी से फंसाया जा सकता है।जांच में सामने आया कि सुनील एक पाकिस्तानी महिला के संपर्क में था, जो संभवतः ISI की एजेंट थी। यह महिला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय पुरुषों को फर्जी प्रोफाइल के जरिए निशाना बनाती थी। सुनील के मामले में, उसके व्हाट्सएप पर संदिग्ध चैट और सामग्री मिली, जो हनीट्रैप का हिस्सा प्रतीत होती है।पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां लंबे समय से हनीट्रैप की रणनीति का इस्तेमाल करती रही हैं। 2021 में, लुधियाना पुलिस ने जसविंदर सिंह नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जो एक पाकिस्तानी महिला एजेंट के संपर्क में था, जो खुद को बठिंडा कैंट में सेना की अकाउंट्स ब्रांच में काम करने वाली जसलीन बराड़ के रूप में पेश करती थी। उसने जसविंदर के जरिए सैन्य कर्मियों के अनौपचारिक व्हाट्सएप ग्रुप्स तक पहुंच बनाई थी।
इसी तरह, 2021 में, फेरोzepur कैंट में तैनात एक सैनिक, क्रुनाल कुमार बारिया, को ISI की एक महिला एजेंट, सिदरा खान, ने हनीट्रैप में फंसाकर गोपनीय जानकारी हासिल की थी। ये मामले दर्शाते हैं कि ISI की रणनीति में सोशल मीडिया और हनीट्रैप का व्यापक इस्तेमाल हो रहा है।बठिंडा पुलिस और खुफिया एजेंसियां सुनील के फोन, बैंक खातों और संपर्कों की गहन जांच कर रही हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कितनी और किस तरह की जानकारी पाकिस्तान को भेजी। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या सुनील किसी बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा था। खुफिया एजेंसियों को इस बात की भी चिंता है कि सैन्य छावनियों के आसपास काम करने वाले असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है।सुनील की गिरफ्तारी ने बठिंडा छावनी और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की जरूरत को उजागर किया है। यह घटना सैन्य अड्डों के आसपास रहने वाले लोगों की पृष्ठभूमि जांच और निगरानी की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।बिहार के समस्तीपुर और दरभंगा जैसे क्षेत्रों से प्रवास करने वाले मजदूरों के लिए यह घटना एक चेतावनी है। स्थानीय प्रशासन और पुलिस को अब ऐसे लोगों की निगरानी बढ़ानी होगी जो संवेदनशील क्षेत्रों में काम करते हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर फर्जी प्रोफाइल्स के जरिए होने वाले हनीट्रैप से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है।
सुनील कुमार की गिरफ्तारी ने एक बार फिर भारत में पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क की गहरी पैठ को उजागर किया है। बिहार का समस्तीपुर जिला, जो पहले भी जासूसी मामलों में चर्चा में रहा है, इस मामले के बाद फिर से सुर्खियों में है। यह घटना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है