Samastipur news: भारत के शक्तिमान उर्फ मुकेश खन्ना ने राज्य के शिक्षा और राजनीति पर खड़े किए सवाल! कहा-'बिहार जिसने नालंदा जैसे संस्थान दिए, आज वह राज्य नकल के लिए...'

अभिनेता मुकेश खन्ना ने समस्तीपुर दौरे पर बिहार की शिक्षा और राजनीति पर तीखा बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य अब भी लालू और आलू की राजनीति से बाहर नहीं निकल पाया है।

मुकेश खन्ना
समस्तीपुर न्यूज- फोटो : social media

Samastipur news: टीवी सीरियल शक्तिमान में शक्तिमान और गंगाधर का किरदार निभाकर प्रसिद्धि पाने वाले अभिनेता मुकेश खन्ना सोमवार (14 अप्रैल) को बिहार के समस्तीपुर जिले में पहुंचे। एक निजी कार्यक्रम में भाग लेने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य की शिक्षा व्यवस्था और राजनीतिक हालात पर खुलकर अपनी बात रखी।

 मुकेश खन्ना ने कहा की बिहार, जिसने नालंदा जैसे संस्थान दिए, आज वह राज्य नकल के लिए बदनाम हो रहा है। खिड़कियों से नकल कराते अभिभावक राज्य की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। यह अत्यंत शर्मनाक है। उन्होंने शिक्षा को सबसे बड़ा दान बताते हुए कहा, “अगर जितने मंदिर खुलते हैं, उतने स्कूल खुलें तो देश की तस्वीर बदल जाएगी।”

बिहार आज भी लालू और आलू की राजनीति में फंसा है- मुकेश खन्ना 

मुकेश खन्ना ने राज्य की राजनीति पर कहा कि बिहार की राजनीति अब भी लालू और आलू के इर्द-गिर्द घूम रही है। सड़कें नहीं बनीं, विकास ठप है।उन्होंने लालू यादव की उस टिप्पणी को याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार की सड़कों को हेमा मालिनी के गालों जैसा बना दूंगा।मुकेश खन्ना ने इसे अनुचित और गैर-जिम्मेदाराना बताया।

हर घर में कट्टा, हर गली में बंदूक, ये है बिहार की पहचान- मुकेश खन्ना 

मुकेश खन्ना ने कहा कि आज भी बिहार की छवि कट्टा, बंदूक और गुंडागर्दी के रूप में बनी हुई है। उन्होंने कहा कि जनता को अब समझदार बनना होगा। सही नेता चुनना ही बिहार को विकास की ओर ले जा सकता है।”

प्रधानमंत्री के कामों पर उठाए सवाल

मुकेश खन्ना ने प्रधानमंत्री मोदी के कामों पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि अगर देश प्रगति कर रहा है, तो फिर बिहार अब भी ट्रेनों में लटककर क्यों यात्रा कर रहा है? उन्होंने सुझाव दिया कि बुलेट ट्रेन जैसी योजनाएं सामान्य जनता के हित में नहीं हैं। इसके बजाय 50 नई सामान्य ट्रेनें चलाई जानी चाहिए।

देश किसी के बाप का नहीं है- मुकेश खन्ना

मुकेश खन्ना ने कहा देश की राजनीति ऐसी हो गई है कि जो प्रधानमंत्री बनता है, उसे देश का राजा समझ लिया जाता है। कोई कोलकाता से कहता है कि हम उसे आने नहीं देंगे। देश किसी के बाप का नहीं है। इस बयान के ज़रिए उन्होंने राज्यों के बीच बढ़ती वैचारिक दूरी और क्षेत्रवाद पर निशाना साधा।

सरदार पटेल ने देश जोड़ा, आज फिर से रियासतें बन रही हैं”

उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हुए कहा कि पटेल जी ने रियासतों को जोड़कर एक राष्ट्र का निर्माण किया था, लेकिन आज देश फिर से बंट रहा है – केरल अलग, पंजाब अलग, बिहार अलग। उन्होंने सलाह दी कि विकास कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए राज्य और केंद्र में एक ही पार्टी की सरकार होनी चाहिए। नहीं तो हालात दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार जैसे होंगे – पांच साल सिर्फ झगड़ा, काम कुछ नहीं।

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