Bihar Education - सभी माता पिता से निवेदन है कि आप अपने बच्चों को स्कूल भेजे... मोहल्ले में माइक लेकर लोगों से गुजारिश करते दिखे गुरुजी

Bihar Education - सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने भेंजे, इसके लिए शिक्षक अब खुद मोहल्ले में जा रहे हैं और उनसे अपील कर रहे हैं कि वह बच्चों को स्कूल भेजे।

Bihar Education - सभी माता पिता से निवेदन है कि आप अपने बच्चों को स्कूल भेजे... मोहल्ले में माइक लेकर लोगों से गुजारिश करते दिखे गुरुजी
बच्चों को स्कूल भेजने के लिए अपील करते शिक्षक।- फोटो : रिषभ कुमार

Vaishali - ये नये बिहार या नये भारत की तस्वीरें हैं,मगर इस नये भारत या नये बिहार के बीच एक पुराना भारत या पुराना बिहार भी बसता है । ये मंज़र महज़ गांव का शहर भर का अंतर नहीं दिखाता,बल्कि तरक़्क़ी की ग़ैर-बराबरी को भी बेपर्द कर देता है। एक तरफ़ प्राइवेट स्कूलों में आने का न्योता मोटी फीस के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर दी जा रही है,वहीं सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को सरकारी शिक्षक माइक से स्कूल लौट आने का आह्वान कर रहे हैं।

इन सरकारी स्कूलों का ठीक-ठाक भवन है,बीपीएससी से भर्ती हुए योग्य शिक्षक हैं,लेकिन मार्केटिंग और पैकेजिंग प्राइवेट स्कूलों जैसी दमदार नहीं है कि यहां नामांकित हुए छात्र भी अपने स्कूलों का रुख़ कर सके। स्कूल शिक्षक परेशान हैं,क्योंकि छात्रों की मौजूदगी नदारद है। सवाल जब अनुपस्थित होने वाले छात्रों के घर की आर्थिक स्थिति का आता है,तो शिक्षक उस सवाल का हल सुझाने के लिए भी तैयार नज़र आते हैं।

मां-बाप में जागरुकता की कमी

ज़ाहिर है, सरकारी स्कूलों में वही बच्चे आते हैं,जिनके माता-पिता के पास फीस भरने की मोटी रक़म नहीं है,लेकिन इस मोटी रक़म से कहीं बड़ा सवाल शिक्षा को लेकर उस जागरूकता का है,जिसके बूते आर्थिक तरक़्क़ी की नई और कामयाब इबारत लिखी जा सकती है। आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को भी समझना होगा कि शिक्षा के बूते वे भी अपने भाग्य उसी तरह बदल सकते हैं,जिस तरह मछुआरे के बेटे पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने बदला था। 

ग्रामीणों से अपील

ग्रामीण इलाक़ों की गलियों-नुक्कड़ों में माइक लेकर घूमते ये शिक्षक इसी बात का आह्वान कर रहे हैं कि शिक्षा के बूते अपनी क़िस्मत बदलिए,और बदली हुई क़िस्मत के ज़रिए अपनी ज़िंदगी बदलिए,ताकि अगली पीढ़ी के अभिभावक अपने बच्चों के लिए मोटी फ़ीस देने के क़ाबिल बने,अपने बच्चों की ज़िंदगी की राह आसान करे।

रिपोर्ट - रिषभ कुमार


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