ED raid: बिहार में सबेरे-सबेरे ED की छापेमारी, रेड से मचा हड़कंप ,इलाके में सनसनी
ED raid: बिहार की सियासत और पंचायत की गलियों में बुधवार की सुबह एक बड़ी हलचल मच गई।करीब 6 बजे के आसपास, कई गाड़ियों में सवार ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बलों के जवानों ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया। ...

ED raid: बिहार की सियासत और पंचायत की गलियों में बुधवार की सुबह एक बड़ी हलचल मच गई। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने तड़के ही सकरा प्रखंड के बिशनपुर वहनगरी स्थित मॉडल पंचायत की मुखिया बबीता देवी के आवास पर धावा बोल दिया। बबीता देवी वही हैं जिन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है, लेकिन आज उनके दरवाज़े पर ‘खाकी जैकेट’ और ‘केंद्रीय एजेंसी’ की सख्त दस्तक गूंज रही है।
करीब 6 बजे के आसपास, कई गाड़ियों में सवार ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बलों के जवानों ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया। मुखिया के घर का मुख्य द्वार सीलनुमा घेराबंदी में बदल गया। टीम ने औपचारिक दस्तावेज़ दिखाने के बाद भीतर प्रवेश किया और छापेमारी की कार्रवाई शुरू कर दी।
हालाँकि ईडी ने अब तक आधिकारिक तौर पर कार्रवाई के कारणों का खुलासा नहीं किया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मामला वित्तीय अनियमितताओं और कथित मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हो सकता है। पिछले कुछ महीनों से कई पंचायत प्रतिनिधियों पर सरकारी योजनाओं के फंड में गड़बड़ी के आरोप लगते रहे हैं। राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित मुखिया के घर पर ईडी की मौजूदगी ने इस मामले को और भी पेचीदा बना दिया है।
अंदर क्या चल रहा है, इसका साफ़ अंदाज़ा अभी नहीं लग पाया है। सूत्र बताते हैं कि टीम कई अलमारियों, तिजोरियों और दस्तावेज़ी फाइलों की बारीकी से जांच कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, बैंक पासबुक और संपत्ति से जुड़े कागज़ात भी खंगाले जा रहे हैं। अब तक क्या-क्या बरामद हुआ है, इसकी आधिकारिक पुष्टि होना बाकी है, लेकिन गांव में अफवाहों का बाज़ार गरम है कहीं नकदी मिलने की चर्चा है तो कहीं ज़मीन के कागज़ों के ज़रिए बड़े घोटाले के खुलासे की।
कार्रवाई की खबर फैलते ही स्थानीय लोग बड़ी संख्या में मुखिया के घर के बाहर जुट गए। मीडिया के कैमरे और रिपोर्टरों की भीड़ ने माहौल को और गर्मा दिया। पुलिस को भीड़ को नियंत्रित करने में मशक्कत करनी पड़ी।
ईडी की यह कार्रवाई कब तक चलेगी और इसके नतीजे क्या होंगे, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं। अगर छापेमारी में ठोस सबूत मिले, तो यह मामला न सिर्फ स्थानीय राजनीति बल्कि राज्य की पंचायत व्यवस्था पर भी बड़ा असर डाल सकता है।
रिपोर्ट-मणिभूषण शर्मा