Silver hallmark - बदल गया ज्वेलरी खरीदारी का नियम, सोने के बाद अब चांदी पर भी होगा हॉलमार्क, ग्राहकों को मिलेगा शुद्ध आभूषण
Silver hallmark - सोने की तरह अब चांदी की शुद्धता के लिए हॉलमार्क की व्यवस्था शुरू की जा रही है। इससे ग्राहकों को चांदी के खरीदी में ठगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
New Delhi - सोने की शुद्धता को प्रमाणित करने के लिए सरकार ने हॉलमार्क की व्यवस्था लागू की थी। अब इसी तर्ज पर चांदी में हॉलमार्किंग लागू की जा रही है। आगामी एक सितंबर से चांदी पर स्वैच्छिक तौर पर हॉलमार्किंग लागू की जाएगी। बता दें कि सरकार ने 1 अप्रैल 2024 से गोल्ड और उसके आभूषणों पर अनिवार्य से रूप से हॉलमार्किंग लागू की थी। अब सोने की तरह ही यह 6 ग्रेड चांदी की ज्वेलरी पर लागू होगी। चांदी पर 6 डिजिट वाला HUID हॉलमार्किंग लागू होगी।
क्या होगा ग्राहकों को लाभ
हॉलमार्किंग से शुद्धता की गारंटी मिलती है। यह एक सरकारी सर्टिफिकेट की तरह है। जो साबित करता है कि ज्वेलरी में दी गई चांदी कितनी शुद्ध है। इससे ग्राहक का भरोसा बढ़ता है। जैसे, सोने में 22 कैरेट या 18 कैरेट का हॉलमार्क होता है, वैसे ही अब चांदी पर भी एक खास निशान होगा, जो बताएगा कि उसमें चांदी की शुद्धता कितनी है। इसे भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) चेक करता है, ताकि आपको नकली या मिलावटी माल न मिले।
हॉलमार्किंग लगे चांदी खरीदने के बाद किसी प्रकार के ठगी की संभावना भी खत्म हो जाएगी। अब तक ऐसा होता रहा है कि कई बार लोग सस्ते में चांदी खरीद लेते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उसमें चांदी कम और दूसरी धातु ज्यादा थी।
बेचने के समय मिलती है अच्छी कीमत
हॉलमार्क का एक और बड़ा फायदा है। अगर आप बाद में अपनी ज्वेलरी बेचना चाहें, तो हॉलमार्क वाली ज्वेलरी को ज्यादा भरोसा मिलता है, जिससे अच्छी कीमत मिल सकती है।
चांदी को छह ग्रेड में बांटा
हॉलमार्किंग में चांदी की ज्वेलरी पर एक खास निशान लगाया जाता है। इसमें 6 अंकों का एक यूनीक कोड (HUID) होता है, जो हर ज्वेलरी के लिए अलग होता है। ये कोड बताता है कि ज्वेलरी BIS के स्टैंडर्ड्स के हिसाब से चेक की गई है। चांदी के लिए 6 ग्रेड होंगे, जैसे 800, 835, 900, 925,970 और 990 जो शुद्धता का लेवल दिखाएंगे।