Jan Aushadhi Kendra- जन औषधी केंद्र शुरू करने के लिए सरकार ने बदला नियम, अब गली-मोहल्ले में भी सेंटर खोलने का रास्ता साफ
Jan Aushadhi Kendra - सरकार ने अब शहरी क्षेत्रों में जन औषधि केंद्रों के बीच की दूरी का नियम खत्म करने का फैसला लिया है।
New Delhi - केंद्र सरकार अपनी जन औषधि योजना को और अधिक प्रभावी और सुलभ बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव करने जा रही है। इस योजना को लागू करने वाली संस्था फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के आंतरिक दस्तावेजों के अनुसार, अब शहरी क्षेत्रों में जन औषधि केंद्रों के बीच की दूरी का नियम खत्म किया जा रहा है।
क्यों खत्म हो रहा है दूरी का नियम?
इस बदलाव का मुख्य कारण शहरी क्षेत्रों में उच्च जनसंख्या घनत्व है। सरकार का मानना है कि शहरों में अधिक आबादी होने के कारण जन औषधि केंद्रों की समान और व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि उनके बीच की दूरी को लेकर कोई प्रतिबंध न हो। पहले, दो केंद्रों के बीच कम से कम एक किलोमीटर की दूरी होनी जरूरी थी।
छोटे शहरों में नियम रहेगा लागू
हालांकि, यह नया नियम केवल बड़े शहरी क्षेत्रों पर ही लागू होगा। जिन शहरों की आबादी दस लाख से कम है, वहाँ अभी भी एक किलोमीटर की न्यूनतम दूरी वाला पुराना नियम लागू रहेगा। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि छोटे शहरों में भी इन केंद्रों का वितरण सही ढंग से हो सके और वे अपनी पहचान बनाए रख सकें।
जन औषधि केंद्रों को सरकार का समर्थन
सरकार जन औषधि केंद्रों को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार कई तरह की सहायता प्रदान करती है। एक जन औषधि केंद्र खोलने पर सरकार 20,000 रुपये तक की मासिक प्रोत्साहन राशि देती है। इसके अलावा, दो लाख रुपये तक की एकमुश्त सहायता भी दी जाती है ताकि नए केंद्र आसानी से खुल सकें।
दवाइयों की गुणवत्ता पर जोर
जन औषधि केंद्रों में उपलब्ध दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर भी सरकार बहुत सख्त है। सभी दवाएं केवल उन्हीं कंपनियों से खरीदी जाती हैं जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस (GMP) मानकों का पालन करती हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि लोगों को कम कीमत पर भी उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं मिल सकें।
जन औषधि योजना का लक्ष्य
जन औषधि योजना का मुख्य लक्ष्य देश के हर नागरिक तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं पहुँचाना है। इन केंद्रों में ब्रांडेड दवाओं की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम कीमत पर दवाइयाँ उपलब्ध होती हैं, जिससे लोगों के इलाज का खर्च काफी कम हो जाता है। दूरी का नियम हटाने से अब शहरों में अधिक लोग इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।