Deutsche Bank: जल्द ही बिकने वाली है ये विदेशी बैंक! पैसें है तो जल्दी कर ले निकासी वरना...

Deutsche Bank: डॉयचे बैंक भारत में अपना रिटेल और वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार बेचने की तैयारी में है। कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक इस पोर्टफोलियो को खरीदने की रेस में आगे। जानें सौदे की पूरी जानकारी।

भारत के इस बैंक में लगेगा ताला!- फोटो : social media

Deutsche Bank: जर्मनी का बड़ा वित्तीय संस्थान डॉयचे बैंक अब भारत में अपने रिटेल और वेल्थ मैनेजमेंट कारोबार से बाहर निकलने के करीब पहुंच चुका है। बातचीत की प्रक्रिया तेज़ होने के साथ दो भारतीय बैंक कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक—इस पोर्टफोलियो को खरीदने की होड़ में आगे बताए जा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि बैंक आठ साल में दूसरी बार भारत में अपने रिटेल बिज़नेस को नए खरीदारों के हवाले करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, दोनों भारतीय बैंकों ने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन पूरा कर लिया है और अब सौदे की अंतिम कीमत पर बातचीत हो रही है।

इस पोर्टफोलियो में क्या-क्या शामिल है?

डॉयचे बैंक का भारतीय रिटेल कारोबार कई हिस्सों से मिलकर बना है। इसमें पर्सनल लोन, कुछ हद तक मॉर्टगेज बिज़नेस और 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा प्रबंधित संपत्ति वाला मजबूत वेल्थ मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म शामिल है। वित्त वर्ष 2025 में रिटेल कारोबार से बैंक को करीब 2,455 करोड़ रुपये की आय मिली, जो पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी बढ़ोतरी दिखाती है। मार्च 2025 तक इसके रिटेल बैंकिंग पोर्टफोलियो का आकार 25,000 करोड़ रुपये के आसपास था।

भारतीय बैंकों को इस सौदे से क्या बड़ा लाभ मिलेगा?

कोटक महिंद्रा बैंक और फेडरल बैंक दोनों ही अपनी रिटेल मौजूदगी और वेल्थ मैनेजमेंट सेवाओं को बड़ी रफ्तार से बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। डॉयचे बैंक के हाई-नेटवर्थ ग्राहकों तक सीधी पहुंच मिलना इन बैंकों के लिए बेहद महत्वपूर्ण अवसर माना जा रहा है। इसके साथ ही कॉर्पोरेट कंपनियों से जुड़े वेल्थ अकाउंट भी इस डील का हिस्सा हैं, जो भविष्य में दोनों भारतीय बैंकों के लिए एक मजबूत राजस्व स्रोत बन सकते हैं।

विदेशी बैंकों के लिए भारतीय बाजार क्यों कठिन होता जा रहा है?

भारतीय बैंकिंग प्रणाली तेज़ी से आगे बढ़ रही है, और स्थानीय बैंकों की कम लागत पर सेवाएँ देने की क्षमता विदेशी संस्थानों को लगातार पीछे छोड़ रही है। पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े विदेशी बैंक भारत में अपने रिटेल कारोबार से बाहर हो चुके हैं। सिटीबैंक ने अपने रिटेल और क्रेडिट कार्ड कारोबार को Axis Bank को बेच दिया था, जबकि कोटक महिंद्रा बैंक ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड का बड़ा पर्सनल लोन पोर्टफोलियो खरीदा। इससे पहले डॉयचे बैंक भी अपना क्रेडिट कार्ड व्यवसाय इंडसइंड बैंक को सौंप चुका है।

क्या डॉयचे बैंक का भारत में रिटेल बिज़नेस अब पूरी तरह खत्म होने वाला है?

सूत्रों का कहना है कि इस बार बैंक अपने भारतीय रिटेल बिज़नेस को बेचने को लेकर पहले से कहीं ज्यादा गंभीर है। देश में इसकी 17 शाखाएं हैं, जिनमें से कई भविष्य में बंद की जा सकती हैं। भारत अब वह अकेला देश बचा था जहाँ यूरोप के बाहर बैंक रिटेल बैंकिंग करता था, और अब इसे भी धीरे-धीरे समेटने की योजना बन चुकी है। इसके बावजूद बैंक ने मार्च 2025 में भारत में 55% की बढ़त के साथ 3,070 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।