कमाई ज्यादा, खर्च कम है तो लॉन्ड्री, हेयरकट, ग्रॉसरी पर भी Income Tax की नजर
भारत में टैक्सपेयर्स के लिए एक महत्वपूर्ण और चौंकाने वाली खबर सामने आई है।

आयकर विभाग ने कुछ अमीर टैक्सपेयर्स पर अपनी नजरें कड़ी कर दी हैं, जिनकी आय बहुत ज्यादा है, लेकिन खर्च बहुत कम। विभाग ने इन लोगों से उनके मासिक खर्चों का विस्तृत ब्योरा मांगा है, जिसमें किराने का सामान, कपड़े, जूते, रेस्टोरेंट में खाने का खर्च, बाल कटवाने का खर्च, और भी कई व्यक्तिगत खर्चों के बारे में जानकारी दी जाए। ऐसा करने से विभाग का उद्देश्य कर चोरी पर नकेल कसना है और यह कदम सरकार के डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर रहा है।
क्यों उठाया गया यह कदम?
आयकर विभाग का यह कदम एक विशेष रणनीति के तहत लिया गया है। विभाग का मानना है कि कुछ अमीर टैक्सपेयर्स अपनी आय के मुकाबले बहुत कम खर्च करते हैं, जो कि सामान्य स्थिति नहीं है। आयकर विभाग ने कुछ चुनिंदा टैक्सपेयर्स को नोटिस भेजा है, जिसमें उनकी हर महीने के खर्चों का विस्तृत विवरण मांगा गया है। इनमें शामिल हैं:
- किराने का सामान जैसे आटा, चावल, मसाले, खाने का तेल
- घरेलू खर्च जैसे गैस, बिजली, पानी
- पर्सनल खर्च जैसे कपड़े, जूते, सौंदर्य प्रसाधन
- रेस्टोरेंट में खाना, बाल कटवाने और शिक्षा संबंधी खर्च
यह जानकारी विभाग को यह तय करने में मदद करेगी कि क्या इनकम और खर्चों का अंतर वाजिब है या इसमें कोई गड़बड़ी हो सकती है।
किसे मिले नोटिस?
इन नोटिसों को वह टैक्सपेयर्स प्राप्त कर रहे हैं, जिनकी आय बहुत ज्यादा है, लेकिन वे कम खर्च करते हैं और अपने बैंक खातों से बेहद कम पैसे निकालते हैं। ऐसे में विभाग को शक हुआ है कि इनकी आय का कोई दूसरा स्रोत हो सकता है या फिर यह लोग नकदी के लेन-देन में शामिल हो सकते हैं।
अगर आपको भी ऐसा कोई नोटिस प्राप्त हुआ है, तो घबराने की कोई बात नहीं है। सही जानकारी देकर आप इस प्रक्रिया में सहयोग कर सकते हैं। विभाग का उद्देश्य देश में कर चोरी को रोकना और यह सुनिश्चित करना है कि हर व्यक्ति अपना यथोचित कर दे।
विभाग ने ऑटोमैटिक एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन (AEOI) का भी उपयोग किया है, जिसमें देशों के टैक्स अधिकारी आपस में जानकारी साझा करते हैं, ताकि कर चोरी को रोका जा सके। यदि आपको संदेह हो, तो आप कर सलाहकार से भी मदद ले सकते हैं।