यूलिप (ULIP) पर टैक्स नियमों में बदलाव से निवेशकों के लिए नया अवसर: अब टैक्स बचाना और ज्यादा मुनाफा संभव!
यूलिप एक ऐसा निवेश उत्पाद है जो निवेशकों को वेल्थ क्रिएशन और लाइफ इंश्योरेंस प्रोटेक्शन दोनों का फायदा देता है।

बजट 2025 ने यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) पर टैक्सेशन को लेकर नया मोड़ दिया है, जिससे निवेशकों के लिए एक नया अवसर पैदा हुआ है। जहां पहले यूलिप के टैक्स नियमों को लेकर भ्रम की स्थिति थी, वहीं अब बजट में इसे स्पष्ट कर दिया गया है। ये बदलाव न केवल यूलिप को म्यूचुअल फंड जैसे निवेश विकल्पों के समान बना रहे हैं, बल्कि इससे निवेशकों को सही वित्तीय निर्णय लेने में भी मदद मिलेगी।
पहले के मुकाबले अब यूलिप के टैक्सेशन में बड़ा बदलाव हुआ है। अब अगर आप यूलिप में सालाना ₹2.5 लाख तक का निवेश करते हैं, तो मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी राशि टैक्स-फ्री रहेगी। यह किसी बड़ी राहत से कम नहीं है, क्योंकि म्यूचुअल फंड जैसे अन्य इक्विटी निवेशों पर ₹1.25 लाख से अधिक के मुनाफे पर 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) देना पड़ता है।
लेकिन यहां एक शर्त है—अगर किसी यूलिप पॉलिसी में सालाना ₹2.5 लाख से ज्यादा प्रीमियम है, तो उसे एक कैपिटल एसेट माना जाएगा, और इस पर ₹1.25 लाख से अधिक के मुनाफे पर 12.5% टैक्स लागू होगा।
मान लीजिए, एक व्यक्ति 20 साल तक हर महीने ₹20,000 का निवेश करता है और इस निवेश पर 14% सालाना रिटर्न मिलता है। इस स्थिति में, यूलिप से उसे लगभग ₹2.35 करोड़ का रिटर्न मिल सकता है। लेकिन अगर वह इस रकम को म्यूचुअल फंड या किसी अन्य इक्विटी निवेश में लगाता है, तो उसे ₹23.2 लाख का टैक्स देना पड़ेगा, जिससे उसका कुल रिटर्न घटकर ₹2.12 करोड़ रह जाएगा।
इस उदाहरण से यह साफ है कि यूलिप में निवेश करने से आप ₹23.2 लाख की टैक्स बचत कर सकते हैं, और इसका मतलब है कि आपका रिटर्न अधिक रहेगा। यह एक बड़ा फायदा है, खासकर तब जब टैक्स बचत और ज्यादा मुनाफे का सवाल हो।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि टैक्स-फ्री बेनिफिट केवल उन्हीं यूलिप पॉलिसियों पर लागू होगा, जिन्हें 1 फरवरी 2021 के बाद खरीदी गई हैं और जिनका सालाना निवेश ₹2.5 लाख तक है। इसके अलावा, जो यूलिप पॉलिसियां सेक्शन 10(10D) के तहत टैक्स छूट के लाभ से बाहर हैं, उन्हें इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड माना जाएगा। ऐसे में, इस बदलाव से लाभ उठाने के लिए निवेशकों को सही पॉलिसी का चुनाव करना जरूरी होगा।