PNB Scam: PNB बैंक गारंटी घोटाला! 183.21 करोड़ की धोखाधड़ी और CBI की कड़ी कार्रवाई

PNB Scam: PNB के सीनियर मैनेजर और एक अन्य को CBI ने 183.21 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया। जानिए MP जल निगम से जुड़े इस घोटाले की पूरी कहानी।

PNB बैंक घोटाला- फोटो : social media

PNB Scam: इंदौर की एक निजी कंपनी ने 2023 में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की ओर से जारी की गई आठ फर्जी बैंक गारंटी को MP जल निगम लिमिटेड (MPJNL) के सामने जमा करके तीन बड़े सिंचाई परियोजनाओं के ठेके हासिल किए। कुल ठेकों की कीमत 974 लाख रुपये थी। लेकिन इन बैंक गारंटियों का मूल्य था 183.21 करोड़ रुपये – और ये सभी फर्जी निकलीं।

PNB के ऑफिशियल डोमेन से ईमेल वेरिफिकेशन के ज़रिए MPJNL को गारंटी की पुष्टि मिली, लेकिन बाद में जांच में सामने आया कि ईमेल और गारंटी दोनों फर्जी थीं। यह घटना न केवल एक बैंकिंग धोखाधड़ी थी, बल्कि सरकारी तंत्र और सुरक्षा प्रणालियों की भी विफलता को दर्शाती है।

CBI का देशभर में बड़ा ऑपरेशन

CBI ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के निर्देशों पर इस मामले की विस्तृत जांच शुरू की। इसके तहत 19-20 जून को CBI ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के 23 ठिकानों पर छापेमारी की।कोलकाता से दो प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी हुई, जिनमें PNB का एक सीनियर मैनेजर भी शामिल था।गिरफ्तारी के बाद दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया, जहां आगे की पूछताछ चल रही है।यह CBI का एक समन्वित और तेज़ अभियान था, जो इस बात का संकेत देता है कि सरकार अब इस तरह के घोटालों पर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रही है।

फर्जीवाड़े का तरीका चौंकाने वाला

फर्जीवाड़े का तरीका चौंकाने वाला है लेकिन योजनाबद्ध था। कंपनी ने PNB से फर्जी गारंटी दिखाकर ठेके लिए – कुल 183.21 करोड़ की बैंक गारंटी लगाई गई।गारंटी की पुष्टि का ईमेल भी फर्जी था, लेकिन उसे PNB के अधिकारिक डोमेन से भेजा गया जिससे MPJNL भ्रमित हुआ।MPJNL ने ठेके मंज़ूर कर दिए, लेकिन बाद में गारंटी की असलियत सामने आई।CBI की जांच से खुलासा हुआ कि एक संगठित गिरोह, कोलकाता से इस पूरी योजना को चला रहा था, और उनके लिंक देश के कई राज्यों में फैले हैं।

सरकारी और बैंकिंग सिस्टम में गंभीर सेंध

यह मामला भारत की बैंकिंग प्रणाली में एक बड़ी कमजोरी को उजागर करता है। बैंकिंग संस्थानों के डिजिटल सुरक्षा तंत्र को दरकिनार करते हुए सरकारी विभागों को ठगा गया – वह भी PNB जैसे राष्ट्रीयकृत बैंक के नाम पर।MPJNL जैसे सार्वजनिक उपक्रमों की सुरक्षा प्रणाली की जांच ज़रूरी है।फर्जी ईमेल और दस्तावेज़ों का सत्यापन अब AI और ब्लॉकचेन जैसी तकनीकों के ज़रिए किया जाना चाहिए।