RBI की ब्याज दरों में कटौती की संभावना: आम आदमी को मिल सकती है राहत

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rbi interest rate- फोटो : Social Media

देशवासियों के लिए एक राहत की खबर सामने आ सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) अपने ब्याज दरों में कटौती करने की तैयारी कर सकता है। रॉयटर्स द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आरबीआई अपनी आगामी बैठक में ब्याज दरें घटा सकता है। इस कटौती के बाद अगस्त में भी एक और कमी हो सकती है। यदि ऐसा हुआ, तो यह 2000 के दशक की शुरुआत के बाद से सबसे छोटा ब्याज दर में कटौती का चक्र होगा, जो आम आदमी के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकता है।

ब्याज दर में कटौती का अनुमान

रॉयटर्स के सर्वे में 60 में से 54 अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाया है कि रिजर्व बैंक अप्रैल में अपनी बेंचमार्क रेपो रेट को 25 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 6% कर सकता है। यह कटौती 7 से 9 अप्रैल के बीच होने वाली आरबीआई की बैठक के बाद संभव है। इसके बाद अगस्त में एक और कटौती हो सकती है। इस तरह से, 2025 के पहले छह महीनों में कुल 75 बेसिस पॉइंट्स की कटौती हो सकती है, जिससे यह 2000 के दशक के बाद से सबसे छोटा ब्याज दर में कटौती का चक्र बन जाएगा।

महंगाई में कमी और मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत

भारत में हाल ही में महंगाई दर घटकर 3.61% पर आ गई है, जो पिछले सात महीनों में सबसे कम है। साथ ही, इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के 6.4% की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। इस स्थिति में रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों को घटाने का एक उपयुक्त मौका है, ताकि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले और महंगाई को नियंत्रित किया जा सके।

लोन सस्ता होने की संभावना

यदि रिजर्व बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। ब्याज दरों में कमी के साथ लोन सस्ता हो जाएगा और ईएमआई का बोझ हल्का होगा। खासकर उन लोगों के लिए यह एक अच्छा मौका होगा जो घर, कार या पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे थे। इसके अलावा, महंगाई दर में कमी और लोन की आसान उपलब्धता से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, जिससे बाजार में मांग में भी इजाफा हो सकता है। आरबीआई की आगामी बैठक में ब्याज दरों में कमी का फैसला भारत की अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यह आम लोगों के लिए राहत लेकर आएगा, खासकर उन लोगों के लिए जो लोन पर निर्भर हैं। इसके साथ ही, इससे बाजार में भी सकरात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जो देश की समग्र आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगा।


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