टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी की गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी, जानिए कितनी बढ़ेगी कीमत
टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी की कीमतों में बढ़ोतरी भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक बड़ा संकेत है कि आने वाले समय में कारों और अन्य वाहनों की कीमतें और बढ़ सकती हैं।

भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में महंगाई की आहट अब और तेज हो गई है। सोमवार, 17 मार्च को टाटा मोटर्स ने अपनी गाड़ियों के दाम बढ़ाने का ऐलान किया, और यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग के माध्यम से इस बात की जानकारी दी और बताया कि इनपुट कॉस्ट और लॉजिस्टिक्स में बढ़ोतरी के कारण यह कदम उठाना पड़ा है। टाटा मोटर्स के इस कदम के बाद अब उपभोक्ताओं को नई गाड़ियों की खरीदारी में अधिक खर्च करना पड़ सकता है।
महंगाई की लहर: क्या है वजह?
टाटा मोटर्स ने स्पष्ट किया कि यह मूल्य वृद्धि सभी कॉमर्शियल व्हीकल्स पर लागू होगी, और अलग-अलग मॉडल्स और वैरिएंट्स के हिसाब से बढ़ोतरी का प्रतिशत भी अलग होगा। कंपनी का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इनपुट कॉस्ट और लॉजिस्टिक्स के खर्चे बढ़े हैं, जिससे यह कदम उठाना आवश्यक हो गया था। दरअसल, रॉ मटेरियल की कीमतों में वृद्धि और सप्लाई चेन की दिक्कतें इस महंगाई के कारण प्रमुख कारण रहे हैं। इसके अलावा, वाहनों के निर्माण में लागत में वृद्धि भी इसका मुख्य कारण है।
मारुति सुजुकी का भी बढ़ा हुआ प्रभाव
टाटा मोटर्स का यह कदम अकेला नहीं है। इससे पहले, मारुति सुजुकी ने भी 1 अप्रैल 2025 से अपनी गाड़ियों की कीमतों में 4% तक की बढ़ोतरी का ऐलान किया था। मारुति ने भी रॉ मटेरियल और ऑपरेशनल कॉस्ट में बढ़ोतरी के कारण यह निर्णय लिया। इस बढ़ोतरी का असर कंपनी के सभी मॉडल्स पर होगा, और ग्राहक को अब उनकी पसंदीदा मारुति कारों के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
टाटा मोटर्स के शेयर में हल्की तेजी, लेकिन निवेशकों के लिए चिंता का कारण
हालांकि टाटा मोटर्स के शेयर में सोमवार को 0.70% की तेजी देखने को मिली और यह 660.10 रुपए के स्तर पर बंद हुआ, लेकिन कंपनी के निवेशकों के लिए यह पूरी कहानी सकारात्मक नहीं है। एक महीने में कंपनी के शेयर में 3.27% की गिरावट आई है, जबकि पिछले छह महीने में यह 31% तक गिर चुका है। एक साल में टाटा मोटर्स का शेयर लगभग 32% गिर चुका है, जिससे निवेशकों में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।
कंपनी का मार्केट कैप 2.43 लाख करोड़ रुपए है, लेकिन शेयर की गिरावट यह संकेत देती है कि निवेशकों के लिए फिलहाल स्थिति चुनौतीपूर्ण है। हालांकि, टाटा मोटर्स का यह कदम किसी भी हालत में कंपनी के दीर्घकालिक रणनीति और स्थिरता को प्रभावित नहीं करेगा, लेकिन हालिया गिरावट की वजह से निवेशकों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं।
कुल मिलाकर क्या असर होगा?
टाटा मोटर्स और मारुति सुजुकी के इस मूल्यवृद्धि कदम से भारतीय वाहन बाजार में उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त दबाव बनेगा। जहां एक ओर कीमतों में बढ़ोतरी से निर्माता कंपनियों को अपनी लागत को कवर करने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर ग्राहकों को इसका भारी असर महसूस हो सकता है। आने वाले महीनों में जब यह मूल्य वृद्धि लागू होगी, तब ग्राहकों को अपनी पसंदीदा गाड़ियों के लिए अधिक पैसे खर्च करने होंगे।
यह कदम ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक नई दिशा को दर्शाता है, जिसमें कंपनियों को उत्पादन लागत और बढ़ी हुई आपूर्ति श्रृंखला समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अपने व्यापार मॉडल में बदलाव करने की आवश्यकता है। हालांकि यह कीमतों में वृद्धि का समय उपभोक्ताओं के लिए निराशाजनक हो सकता है, लेकिन यह कंपनियों के लिए टिकाऊ विकास की दिशा में एक जरूरी कदम हो सकता है।