शेयर बाजार में पिछले हफ्ते दिखी तेजी, नजर अब तिमाही नतीजों और ग्लोबल संकेतों पर

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Share Market- फोटो : Social Media

बीते हफ्ते शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिली, जहां प्रमुख इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा चढ़े। यह बढ़त ऐसे समय में आई है जब बीते कुछ महीनों में बाजार ग्लोबल दबावों के कारण लगातार गिरावट का सामना कर रहा था। लेकिन अब, जैसे-जैसे वैश्विक संकेतों का दबाव कम हो रहा है, निवेशकों में एक बार फिर से भरोसा लौटता दिख रहा है। अगले हफ्ते बाजार की दिशा तिमाही नतीजों और विदेशी निवेशकों के रुख से तय हो सकती है।

आने वाले हफ्ते में कई दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं, जिनसे घरेलू अर्थव्यवस्था की स्थिति और सेक्टर विशेष की परफॉर्मेंस का अंदाजा लगाया जा सकेगा। इस हफ्ते एचसीएल टेक, हैवेल्स, महिंद्रा फाइनेंस, एलटीआई माईंडट्री, एक्सिस बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, एम्फेसिस, नेस्ले इंडिया, एसबीआई कार्ड, डीसीबी बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा टेक और एमआरपीएल जैसी कंपनियों के परिणाम घोषित होंगे। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक, इन नतीजों के आधार पर स्टॉक स्पेसिफिक मूवमेंट देखने को मिल सकते हैं।

अप्रैल की शुरुआत में एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) ने भारी बिकवाली की थी, लेकिन बीते हफ्ते उन्होंने कुल 8,472 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। खास बात यह रही कि पिछले हफ्ते सिर्फ तीन कारोबारी सत्र ही हुए और फिर भी दो दिनों में 10,824 करोड़ रुपये का निवेश एफपीआई द्वारा किया गया, जो बाजार की तेजी का अहम कारण रहा। हालांकि पूरे अप्रैल महीने में अब तक एफपीआई की शुद्ध निकासी 23,103 करोड़ रुपये रही है, जिससे यह कहना जल्दबाज़ी होगा कि उनका रुख पूरी तरह से बदल चुका है।

अगले हफ्ते निवेशकों की नजरें ग्लोबल संकेतों पर भी टिकी रहेंगी। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ नीति, कच्चे तेल की कीमतों, रुपये की चाल और सोने की कीमतों पर बाजार की पैनी नजर रहेगी। भारत सरकार की ट्रंप टैरिफ को लेकर बातचीत चल रही है, जबकि अमेरिकी वाइस प्रेजिडेंट की भारत यात्रा भी अगले हफ्ते शुरू हो रही है। ऐसे में ग्लोबल ट्रेड और टैरिफ को लेकर किसी भी तरह की घोषणा या संकेत बाजार में हलचल ला सकते हैं।

बीते हफ्ते की तेजी के बाद अब बाजार एक अहम मोड़ पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तिमाही नतीजे उम्मीद के मुताबिक आते हैं और वैश्विक संकेत सकारात्मक रहते हैं, तो बाजार की रफ्तार बरकरार रह सकती है। लेकिन वर्तमान स्तरों पर मुनाफावसूली की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता।

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्कता के साथ निवेश करें और प्रमुख संकेतों पर पैनी नजर बनाए रखें।

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