Bihar Police bharti: कांस्टेबल के 19,838 पदों के लिए दिसंबर में होगी फिजिकल टेस्ट ,इस दिन आएगा लिखित परीक्षा का रिजल्ट
Bihar Police bharti: कांस्टेबल के 19,838 पदों और ड्राइवर कांस्टेबल के 4,361 पदों पर भर्ती प्रक्रिया का अगला चरण दिसंबर 2025 में होगा।
Bihar Police bharti: बिहार में बेरोजगारी से जूझ रहे लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने ऐलान कर दिया है कि कांस्टेबल के 19,838 पदों और ड्राइवर कांस्टेबल के 4,361 पदों पर भर्ती प्रक्रिया का अगला चरण दिसंबर 2025 में होगा। यानी लिखित परीक्षा पास करने वाले अब मैदान में अपनी ताकत और पसीने से खुद को साबित करेंगे।
16 जुलाई से 6 अगस्त 2025 तक छह चरणों में हुई लिखित परीक्षा का परिणाम जल्द जारी होगा। इसी आधार पर चयनित उम्मीदवारों को दिसंबर में शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) में बुलाया जाएगा। यह परीक्षा 100 अंकों की होगी और इसमें युवाओं की दौड़, गोला फेंक और ऊंची कूद की असली परीक्षा होगी।
दौड़ (50 अंक): पुरुषों को 1.6 किमी की दौड़ अधिकतम 6 मिनट में और महिलाओं को 1 किमी की दौड़ 5 मिनट में पूरी करनी होगी।
गोला फेंक (25 अंक): पुरुषों को 16 पाउंड का गोला कम से कम 16 फीट और महिलाओं को 12 पाउंड का गोला कम से कम 12 फीट फेंकना जरूरी।
ऊंची कूद (25 अंक): पुरुषों के लिए न्यूनतम 4 फीट और महिलाओं के लिए 3 फीट कूद अनिवार्य।
शारीरिक मानक – फिटनेस से ही होगा चयन
पुरुष अभ्यर्थियों की न्यूनतम लंबाई 165 सेंटीमीटर (सामान्य/ओबीसी), जबकि एससी/एसटी और ईबीसी के लिए 160 सेंटीमीटर तय।
महिलाओं के लिए न्यूनतम लंबाई 155 सेंटीमीटर और न्यूनतम वजन 48 किलो होना अनिवार्य।
सीना पुरुषों का बिना फुलाए 79 से 81 सेंटीमीटर और फुलाने पर कम से कम 5 सेंटीमीटर का अंतर जरूरी।
इसी के साथ ड्राइवर कांस्टेबल के 4,361 पदों की लिखित परीक्षा भी दिसंबर में होगी। इनमें से 1,772 पद अनारक्षित, 436 ईडब्ल्यूएस, 632 एससी, 24 एसटी, 757 ईबीसी, 492 बीसी और 248 पद पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
कांस्टेबल भर्ती के 19,838 पदों में से 7,935 अनारक्षित रखे गए हैं, जबकि 3,174 एससी, 199 एसटी, 3,571 ईबीसी, 2,381 बीसी, 1,983 ईडब्ल्यूएस और 595 बीसी महिला उम्मीदवारों के लिए सीटें तय हैं। महिलाओं को क्षैतिज आरक्षण के तहत 6,717 सीटें और स्वतंत्रता सेनानी आश्रितों को 397 सीटें आरक्षित की गई हैं।
दिसंबर का महीना बिहार के लाखों युवाओं के लिए निर्णायक होगा। यह सिर्फ नौकरी की भर्ती नहीं, बल्कि युवाओं की उम्मीदों, हौसले और पसीने की असली परीक्षा है। विपक्ष सरकार पर सवाल उठाने का मौका ढूंढेगा तो सत्ता इसे “रोजगार का महायज्ञ” बताकर प्रचारित करेगी। एक तरफ युवा मैदान में दौड़ लगाएंगे, दूसरी तरफ राजनीति में बयानबाजी की रफ्तार तेज होगी।