मच्छरों का अनोखा विरोध: थैले में मरे हुए मच्छर भरकर नगर निगम पहुंचा कार्यकर्ता, हेल्थ ऑफिसर के सामने खोल दी पोल
मच्छरों के आतंक और प्रशासन की अनदेखी के खिलाफ विरोध का एक अनोखा तरीका सामने आया है। बार-बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने से नाराज कार्यकर्ता विजय सोना ने मरे हुए मच्छरों को एक थैले में पैक किया और सीधे नगर निगम कार्यालय पहुंच गए।
Raipur - मच्छरों के बढ़ते प्रकोप ने स्थानीय निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। सामाजिक कार्यकर्ता विजय सोना ने नगर निगम के अधिकारियों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है। उन्होंने बताया कि उनके घर के पास मच्छरों के पनपने की समस्या को लेकर उन्होंने कई बार निगम प्रशासन से शिकायत की, लेकिन बार-बार की गई अपीलों के बावजूद अधिकारियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। यह सुस्ती अब लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ने लगी है।
लापरवाही ने ली एक मासूम जान
विजय सोना ने अपनी व्यथा सुनाते हुए एक बड़ा दावा किया है कि मच्छरों के कारण होने वाली बीमारी ने उनके परिवार के एक सदस्य की जान ले ली है। उन्होंने बताया कि समय रहते कार्रवाई न होने और इलाके में गंदगी का अंबार होने के कारण मच्छर जनित बीमारी ने उनके घर में दस्तक दी, जिससे उनके परिजन की मृत्यु हो गई। इस घटना के बाद से स्थानीय निवासियों में निगम के प्रति भारी रोष व्याप्त है और वे इसे 'प्रशासनिक हत्या' करार दे रहे हैं।
नगर निगम का आश्वासन और बचाव
मामले के तूल पकड़ने के बाद रायपुर नगर निगम के अधिकारियों ने आनन-फानन में अपनी सफाई पेश की है। निगम प्रशासन का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही वहां फॉगिंग (धुआं छोड़ने) और लार्वा रोधी रसायनों का छिड़काव तेज किया जाएगा। अधिकारियों ने दावा किया है कि स्वास्थ्य अमला पूरी मुस्तैदी से काम कर रहा है और मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।
निवासियों का संदेह और करोड़ों का खर्च
निगम के आश्वासनों के बावजूद रायपुर के नागरिक अभी भी संशय में हैं। निवासियों का तर्क है कि मच्छर नियंत्रण के नाम पर नगर निगम हर साल करोड़ों रुपये के बजट का प्रावधान करता है, लेकिन जमीन पर इसका कोई असर दिखाई नहीं देता। लोगों का कहना है कि फॉगिंग की गाड़ियां सिर्फ मुख्य सड़कों से गुजर जाती हैं, जबकि अंदरूनी गलियां और बस्तियां अभी भी मच्छरों के साए में जीने को मजबूर हैं।
खराब जल निकासी और खुली नालियां बनीं मुसीबत
शहर की बुनियादी समस्याओं ने इस संकट को और गहरा कर दिया है। निवासियों के अनुसार, शहर में खुली नालियां और खराब जल निकासी व्यवस्था मच्छरों के पनपने के लिए सबसे सुरक्षित स्थान बनी हुई है। जब तक जल जमाव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं होता, तब तक सिर्फ छिड़काव करने से कोई बड़ा बदलाव नहीं आएगा। प्रशासन की इस नाकामी के कारण रायपुर के कई इलाके मच्छर जनित बीमारियों के हॉटस्पॉट बन गए हैं।