Crime In Motihari: रेंजर का अजब-गजब खेल, लकड़ी जप्ती का मामला उलझा, वन विभाग ने पुलिस की कार्रवाई पर ही उठा दिया सवाल, मामले ने पकड़ा तूल

मोतिहारी में वन विभाग हमेशा से सुर्खियों में रहा है।जिला में वन विभाग के कुछ पदाधिकारियो के मिली भगत से धड़ल्ले से लाइसेंसी से अधिक अवैध आरा मिल का संचालन हो रहा है।...

Motihari forest department
रेंजर का अजब-गजब खेल- फोटो : Reporter

Crime In Motihari: मोतिहारी में वन विभाग एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार मामला पहाड़पुर थाना क्षेत्र का है, जहां सरकारी जमीन से काटी गई कीमती सागवान की लकड़ी की जप्ती को लेकर रेंजर का अजीबोगरीब कारनामा सामने आया है।

7 फरवरी को पहाड़पुर थाना पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर नोनिया चौबे टोला से पुआल में ढकी सरकारी लकड़ी जब्त की।लकड़ी नागेंद्र चौबे के घर के सामने से बरामद की गई।मुखिया ने जिला वन पदाधिकारी को सूचना दी।अरेराज रेंजर ने थाना पहुंचकर लकड़ी का सत्यापन किया।

रेंजर का कारनामा:

रेंजर ने लकड़ी तस्कर पर कार्रवाई करने के बजाय, पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल उठा दिया।रेंजर ने थानेदार को पत्र लिखकर कहा कि जब्त लकड़ी पहले से वन विभाग द्वारा जब्त की गई थी और मंटू नाम के व्यक्ति को जिम्मेनामा पर दी गई थी।रेंजर ने कहा कि वन विभाग द्वारा जब्त लकड़ी को फिर से जब्त करना उचित नहीं है।

पहाड़पुर थानेदार ने रेंजर के पत्र के जवाब में कहा कि लकड़ी पर न कोई मार्क था, न कोई मापी लिखी थी।जिम्मेनामा में जिस मंटू का जिक्र है, लकड़ी उसके दरवाजे पर होनी चाहिए थी।पुलिस जब लकड़ी जब्त कर लाई, तो किसी ने जिम्मेनामा की बात स्वीकार नहीं की।

सबसे अहम बात, जब रेंजर 7 फरवरी को थाना पहुंचे थे, तो उन्होंने जिम्मेनामा की कोई बात नहीं कही थी।रेंजर का यह पत्र प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर आम लोगों तक चर्चा का विषय बन गया है।लोग इसे तस्कर को बचाने का रेंजर का प्रयास बता रहे हैं।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार

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